कैबिनेट ने बीमा क्षेत्र में 100% FDI को दी मंजूरी, इंश्योरेंस सेक्टर में सुधारों से ग्राहकों को राहत
punjabkesari.in Friday, Dec 12, 2025 - 05:13 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बीमा क्षेत्र से जुड़े एक महत्वपूर्ण फैसले को मंजूरी दे दी गई है। सरकार ने बीमा कंपनियों में विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने वाले ‘बीमा कानून (संशोधन) विधेयक 2025’ को हरी झंडी दे दी है। यह बिल संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।
सरकार का मानना है कि इस कदम से भारत के बीमा सेक्टर में भारी विदेशी पूंजी का प्रवाह होगा। विदेशी बीमा कंपनियों को अब भारत में पूर्ण स्वामित्व के साथ कारोबार करने की अनुमति मिल जाएगी, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, सेवाएं बेहतर होंगी और ग्राहकों के पास अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे।
वित्त मंत्री ने बजट में किया था ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल के बजट में बीमा क्षेत्र में FDI को 100% तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। अब तक यह सेक्टर 82,000 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश आकर्षित कर चुका है।
वित्त मंत्रालय ने बीमा अधिनियम, 1938 में कई बदलाव सुझाए हैं, जिनमें—
- एफडीआई सीमा को 100% तक बढ़ाना
- न्यूनतम चुकता पूंजी की आवश्यकता कम करना
- एकीकृत लाइसेंसिंग व्यवस्था तैयार करना शामिल है।
इन कानूनों में भी होंगे संशोधन
एक बड़े विधायी सुधार के तहत बीमा अधिनियम 1938 के अलावा, जीवन बीमा निगम अधिनियम 1956 और बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम 1999 में भी संशोधन किए जाएंगे। एलआईसी अधिनियम में किए जाने वाले बदलावों का उद्देश्य इसके बोर्ड को परिचालन संबंधी मामलों, जैसे नए शाखाएं खोलना और कर्मचारियों की भर्ती करना, में अधिक अधिकार देना है।
क्या होंगे फायदे?
- बीमा कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी
- ग्राहकों को बेहतर और किफायती पॉलिसी विकल्प मिलेंगे
- सेक्टर में रोजगार सृजन बढ़ेगा
- बीमा की पहुंच ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक विस्तार करेगी
- भारत के बीमा उद्योग को 2047 तक ‘सबके लिए बीमा’ लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी
इन सुधारों से उद्योग की संचालन क्षमता में सुधार होगा और भारत दुनिया के सबसे आकर्षक बीमा बाजारों में शामिल हो सकता है।
