ITR Refund Delay: लाखों टैक्सपेयर का पैसा अटका, विभाग ने दी अहम अपडेट, जानें देरी की असली वजहें
punjabkesari.in Thursday, Dec 11, 2025 - 12:56 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः ITR Refund Delay- AY 2025-26 के लिए ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 16 सितंबर 2025 को खत्म हो चुकी है। ज्यादातर लोगों को रिफंड मिल चुका है लेकिन अभी भी लाखों टैक्सपेयर ऐसे हैं जिनके खाते में न तो रिफंड आया है और न कोई मैसेज। कई लोग लंबे इंतजार से परेशान हैं। कुछ मामलों में ई-वेरिफिकेशन पूरा नहीं हुआ है, जबकि कई रिटर्न पुराने रिकॉर्ड से लिंकिंग की समस्या के कारण रुके हुए हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इनकम टैक्स विभाग ने कहा है कि दिसंबर के अंत तक 99% रिफंड जारी कर दिए जाएंगे। अगर आपके स्टेटस में “Refund Issued” दिख रहा है, तो 7–10 दिन के अंदर रकम खाते में आ सकती है।
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ITR Refund Status कैसे चेक करें (2 मिनट में)
- incometax.gov.in या eportal.incometax.gov.in ओपन करें
- PAN वाले यूजर आईडी और पासवर्ड से लॉगिन करें।
- e-File → Income Tax Returns → View Filed Returns पर जाएं।
- जिस वर्ष का रिफंड चेक करना है, उस ITR को चुनें।
- स्क्रीन पर दिखेगा: Refund Issued / Processed / Pending साथ में डेट भी।
- अगर ‘Issued’ दिख रहा है तो आमतौर पर 2–3 दिन में पैसा आ जाता है।
रिफंड लेट होने की बड़ी वजहें
रिफंड रुकने की एक बड़ी वजह बैंक अकाउंट से जुड़ी त्रुटियां भी हैं। अगर पोर्टल पर दर्ज अकाउंट नंबर या IFSC गलत है या खाता प्री-वैलिडेट नहीं है, तो रकम फेल हो जाती है। आधार और पैन में नाम या जन्मतिथि का थोड़ा सा फर्क भी रिफंड प्रोसेसिंग रोक देता है, इसलिए दोनों की सही लिंकिंग जरूरी है। कई बार ITR में गलत डिडक्शन या क्रेडिट क्लेम कर दिया जाता है—जैसे 80C में ज़रूरत से ज्यादा राशि दिखाना या गलत बिल लगाना—ऐसे मामलों में विभाग संदेह होने पर रिफंड रोककर नोटिस भेजता है। ITR, Form 26AS, Form 16 और AIS के बीच कोई भी mismatch रिफंड रोकने का सबसे आम कारण है, क्योंकि विभाग पहले सभी रिकॉर्ड की पूर्ण जांच करता है और तभी भुगतान आगे बढ़ाता है।
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रिफंड में देरी पर ब्याज भी मिलेगा
अगर इनकम टैक्स विभाग की ओर से रिफंड देरी होती है, तो नियमों के मुताबिक करदाता को धारा 244A के तहत सालाना 6% ब्याज दिया जाता है। यह ब्याज ITR प्रोसेस होने के बाद या संबंधित वित्त वर्ष की शुरुआत से स्वतः लागू हो जाता है और रिफंड की रकम में अपने आप जोड़कर भेज दिया जाता है। दिसंबर में जिन टैक्सपेयर को रिफंड मिला है, उनमें से अधिकांश को मूल राशि के साथ यह अतिरिक्त ब्याज भी प्राप्त हुआ है।
