टेलीकॉम कंपनियों को SC से नहीं मिली राहत, 3 महीने में चुकाने होंगे 92 हजार करोड़
punjabkesari.in Saturday, Oct 26, 2019 - 02:18 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः सुप्रीम कोर्ट से टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को 92 हजार करोड़ रुपए का एडजेस्टेड ग्रॉस रिवेन्यू (AGR) चुकाने के लिए तीन महीने का वक्त दिया है। टेलीकॉम कंपनियां 6 महीने का समय मांग रही थीं। कोर्ट के फैसले का सबसे ज्यादा असर वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल पर होने वाला है।
एयरटेल पर 41 हजार करोड़ का बकाया
वोडाफोन आइडिया पर 39 हजार करोड़ और एयरटेल पर 41 हजार करोड़ रुपए लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज (SUC) के रूप में बाकी हैं। इन दोनों कंपनियों ने कोर्ट की डेडलाइन पर कुछ भी बोलने से मना किया। टाटा टेलिसर्विस पर 13 हजार करोड़ का बकाया है लेकिन नुकसान में जाने के बाद कंपनी ने इस एयरटेल को बेच दिया था।
केंद्र सरकार जारी करेगी डिमांड नोटिस
कोर्ट के आदेश के बाद अब केंद्र सरकार डिमांड नोटिस जारी करेगी। इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि यह मामला कोर्ट में था। फैसला सुप्रीम कोर्ट का है, इसलिए सरकार अब कुछ नहीं कर सकती है। पहले से टेलीकॉम इंडस्ट्री पर 7 लाख करोड़ का कर्ज है। ऐसे में सरकार नहीं चाहती है कि उनपर इतना बड़ा बोझ अचानक से पड़े और उनकी हालत नाजुक हो जाए। सूत्रों ने कहा कि टेलिकॉम कंपनियों को राहत देने के रास्ते पर विचार किए जा रहे हैं।
क्या है पूरा विवाद
एडजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू की परिभाषा पर विवाद था। कंपनियां नॉन कारोबार रेवेन्यू शेयरिंग नहीं करती थी। DoT ने बाकी कारोबार में रेवेन्यू शेयिरंग मांगी थी। 2005 से ही ये मामाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित था। CAG रिपोर्ट से सरकार को भारी नुकसान हो रहा था। DoT के स्पेशल ऑडिट ने मांग को सही ठहराया था। सरकार ने कंपनियों को नोटिस भेज कर रकम मांगी थी लेकिन कंपनियों ने सरकार के फैसले को अदालत में चुनौती दी।