महंगाई के ट्रैक पर दौड़ा प्याज, रसोई के बजट पर पड़ेगा असर

punjabkesari.in Monday, Jul 15, 2019 - 10:34 AM (IST)

नई दिल्लीः हाल ही में राजधानी में सब्जियों के दामों में इजाफे के बाद अब प्याज ने भी महंगाई के ट्रैक पर दौड़ लगा दी है। प्याज उत्पादक राज्यों में सूखे जैसी स्थिति को देखते हुए इन दिनों प्याज में अचानक 5 से 7 रुपए प्रति किलो की तेजी के चलते रिटेल में इसके भाव 25 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। प्याज के महंगा होने का असर घर की रसोई पर भी पड़ने लगा है। कई सब्जियों में महंगे प्याज का उपयोग प्राय: कम किया जा रहा है। वहीं छोटे होटलों और ढाबों पर तो सलाद में प्याज नदारद है। एक होटल व्यवसायी ने बताया कि प्याज महंगा होने से हम इसका उपयोग कम ही कर रहे हैं।

हाल ही में आए सरकारी आंकड़ों के अनुसार एशिया में प्याज की सबसे बड़ी थोक मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में इसका थोक भाव 29 प्रतिशत बढ़कर 30 से 40 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है। पिछले साल इन्हीं दिनों वहां प्याज के भाव थोक में 9 रुपए प्रति किलो के आसपास थे। बता दें कि दिल्ली में खुदरा प्याज का भाव 30 से 35 रुपए प्रति किलोग्राम पर चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में सूखे की स्थिति बनी हुई है।

बारिश के बाद हरी सब्जियों की कीमतों में भारी उछाल
पिछले एक हफ्ते से रुक-रुक कर लगातार हो रही बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। धान की नर्सरी के लिए खेतों को इस समय पानी की सबसे ज्यादा जरूरत थी। सो इसके लिए तो बारिश वरदान साबित हो रही है लेकिन हरी सब्जियों के लिए यह अभिशाप जैसे है। यही वजह है कि बरसात का मौसम शुरू होने के साथ ही शहर में हरी सब्जियों के भाव तेजी से बढ़े हैं। मौजूदा हालत यह है कि आलू को छोड़ कर प्याज समेत ज्यादातर हरी सब्जियां महंगी हो गई हैं। कोई भी हरी सब्जी 25 से 30 रुपए किलो से कम नहीं है। आलू थोक और खुदरा मंडियों में 70 से 80 रुपए के 5 किलो मिल रहे हैं लेकिन इसे छोड़ दें तो अन्य के भाव आंखों में आंसू ला रहे हैं। लाल टमाटर को तो महंगाई की मिर्ची लग गई है। टमाटर खुदरा बाजार में 50 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। गोभी ने 100 का आंकड़ा छू लिया है। फ्रैंचबीन और शिमला मिर्च के भाव भी आसमान छू रहे हैं। ये दोनों ही 100 से 120 रुपए प्रति किलो है। परवल, करेला, भिंडी, लौकी, बैगन सहित अन्य हरी सब्जियों के भी भाव बढ़ने के कारण लोग किलो के बदले 250 ग्राम या आधा किलो लेकर काम चला रहे हैं।


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Supreet Kaur

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