GST रिफंड फंसने से वाहन निर्यातकों पर दबाव

punjabkesari.in Sunday, Nov 19, 2017 - 04:18 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत से यात्री वाहनों के निर्यात की राह में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली से जुड़ी अड़चने खड़ी हो गयी हैं क्योंकि वाहन विनिर्माता जुलाई से अब तक अपना रिफंड दावा नहीं कर सके हैं और इस मद में उनका बकाया 1,000 करोड़ रुपए ऊपर जा चुका है। उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि जीएसटी की अग्रिम भुगतान और इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड दावा करने की मौजूदा प्रणाली ठीक से काम नहीं कर रही है।

कंपनियों के लिए कार्यशील पूंजी की जरुरत बढ़ गई है और जब तक इन मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता तब तक वह निर्यात को लेकर दोबारा विचार कर सकते हैं। फोर्ड इंडिया के मुख्य वित्त अधिकारी डेविड शॉक ने कहा कि जीएसटी के तहत मुआवजा उपकर को बढ़ाकर 1-22 प्रतिशत कर दिया गया है जो पुरानी व्यवस्था में 1-4 प्रतिशत था। इससे नकदी की आवश्यकता बढ़ी है और कंपनियों पर इसका दबाव है।

जीएसटी क्रेडिट का नुकसान निर्यातकों को
भारतीय वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के उप महानिदेशक सुगतो सेन ने कहा, ‘‘ निर्यात पर ध्यान देने वाली कंपनियां ज्यादा परेशान हैं क्योंकि जीएसटी में अग्रिम भुगतान और रिफंड का दावा करने की मौजूदा प्रणाली ठीक से काम नहीं कर रही है।’’  उन्होंने कहा कि जीएसटी क्रेडिट का संग्रह होता जा रहा है जिसका नुकसान निर्यातकों को हो रहा है।  सेन ने कहा, ‘‘कई कंपनियां है जिनका रिफंड कई सैकड़ों करोड़ रुपये को पार कर चुका है। कंपनियों की कार्यशील पूंजी की जरुरत बढ़ गई है, जिसके चलते उनका निर्यात को लेकर सावधानी पूर्ण रुख है।’’

जुलाई-अक्तूबर में  वाहन का निर्यात घटा
जुलाई-अक्तूबर की अवधि में यात्री वाहन का निर्यात 14.45 प्रतिशत घटकर 2,35,933 इकाई रहा है जो पिछले साल समान अवधि में 2,75,789 वाहन था। हालांकि इसी अवधि में दोपहिया और वाणिज्यिक वाहनों समेत कुल वाहन का निर्यात 8.07त्न सुधरकर 13,17,936 वाहन रहा है जो पिछले साल इस दौरान 12,19,460 वाहन था।  वाहन उद्योग जगत से जुड़े सूत्रों के अनुसार देश के चार शीर्ष यात्री वाहन निर्यातकों का बकाया रिफंड 1,000 करोड़ रुपये पार कर गया है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News