सामान्य मॉनसून से कृ​षि रसायन शेयर भी झूमेंगे, भारतीय कंपनियां निर्यातकों से बेहतर प्रदर्शन करेंगी

punjabkesari.in Saturday, Apr 20, 2024 - 03:18 PM (IST)

नई दिल्लीः निजी मौसम अनुमान एजेंसी स्काईमेट और भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने इस साल भारत में सामान्य मॉनसून का अनुमान जताया है। बेहतर बारिश की उम्मीद में घरेलू कृ​षि रसायन या एग्री-इनपुट कंपनियों के लिए परिदृश्य सुधरने की संभावना है। ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि घरेलू कंपनियां वित्त वर्ष 2024 की मार्च तिमाही और वित्त वर्ष 2025 में निर्यातकों से बेहतर प्रदर्शन करेंगी।

चीन से ज्यादा आयात, प्रा​प्तियों पर दबाव और ज्यादा स्टॉक होने से दिसंबर तिमाही में ​कृ​षि इनपुट के लिए मांग कमजोर रही थी। रबी सीजन में सामान्य से कम बारिश और जलाशयों में कम पानी की वजह से धारणा प्रभावित हुई थी। मार्च तिमाही में कुछ सुधार देखा जा सकता है।

नुवामा रिसर्च का मानना है कि घरेलू कृ​षि रसायन कंपनियां मार्च तिमाही में मजबूत वृद्धि दर्ज करेंगी जबकि उर्वरक और वै​श्विक कृ​षि रसायन कंपनियों का प्रदर्शन सुस्त रह सकता है। उर्वरक कंपनियों को स​ब्सिडी घटने से मार्जिन पर दबाव का सामना करना पड़ सकता है और वै​श्विक कृ​षि रसायन कंपनियों को ज्यादा छूट और भंडार कम होने से दबाव से जूझना पड़ सकता है।

ब्रोकरेज के रोहन गुप्ता और रोहन ओहरी धानुका एग्रीटेक जैसी घरेलू कृ​षि इनपुट कंपनियों पर सकारात्मक बने हुए हैं। उन्होंने कोरोमंडल जैसी उर्वरक कंपनियों से परहेज करने का सुझाव दिया है। उन्होंने मार्जिन दबाव के कारण यूपीएल और शारदा क्रॉपकेप जैसी वै​श्विक कृ​षि रसायन कंपनियों पर नकारात्मक नजरिया अपनाया है। मार्जिन दबाव की वजह से वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में इन कंपनियों को नुकसान और वित्त वर्ष 2025 के लिए आय डाउनग्रेड के जो​खिम का सामना करना पड़ सकता है।

इलारा ​सिक्योरिटीज का मानना है कि चौथी तिमाही घरेलू और वै​श्विक कंपनियों दोनों के लिए कमजोर रहेगी लेकिन वित्त वर्ष 2025 में घरेलू कंपनियों के लिए परिदृश्य अच्छा रहने की संभावना है। ब्रोकरेज के प्रशांत बियाणी और उज्वल वाडीघारे का कहना है, ‘आस्ट्रेलिया के मौसम विज्ञान ब्यूरो के अनुसार अल नीनो समाप्त हो रहा है और इस मॉनसून में ला नीना शुरू होने की संभावना है। हमारा मानना है कि ला नीना घरेलू कृ​षि रसायनों के साथ उर्वरक कंपनियों के लिए सकारात्मक होगा। उनकी बिक्री वृद्धि होगी।’

चौथी तिमाही नरम रह सकती है लेकिन बेहतर मॉनसून और पोषण आधारित ज्यादा सबसिडी के कारण अगले वित्त वर्ष का पहला आधा हिस्सा एग्री इनपुट कंपनियों के लिए अच्छा रह सकता है। भले ही घरेलू कंपनियां भविष्य में सुधार दर्ज कर सकती हैं लेकिन निर्यातक और वै​श्विक परिचालन से जुड़ी कंपनियों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भरपूर स्टॉक बना हुआ है जिससे प्रदर्शन पर असर पड़ेगा। कीमतों में गिरावट से चौथी तिमाही कमजोर रह सकती है।

पोषक तत्वों पर आधारित सब्सिडी में कटौती को देखते हुए आईआईएफएल रिसर्च उर्वरक कंपनियों को लेकर सतर्क है क्योंकि इससे उनका मुनाफा प्रभावित हो सकता है। चौथी तिमाही मौसम के लिहाज से उर्वरकों के लिए कमजोर मानी जाती है और इसलिए कंपनियों का प्रदर्शन कमजोर रह सकता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Recommended News

Related News