सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एनपीए घटकर 2.58% हुए, 2021 में थे 9.11%: वित्त मंत्रालय

punjabkesari.in Wednesday, Jul 23, 2025 - 05:06 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जानकारी दी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) के सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (NPAs) बीते चार वर्षों में घटकर 2.58% रह गई हैं, जो मार्च 2021 में 9.11% थीं।

सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा एनपीए की समस्या से निपटने और वसूली दर को सुधारने के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं।

एनपीए में गिरावट के पीछे ये प्रमुख उपाय किए गए

इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC)

IBC कानून ने उधारकर्ता और लेनदार के संबंधों में बुनियादी बदलाव किया है। इससे डिफॉल्ट करने वाले प्रमोटरों को कंपनी पर नियंत्रण से वंचित किया गया है और जानबूझकर डिफॉल्ट करने वालों को समाधान प्रक्रिया में भाग लेने से रोका गया है।

कानूनों में संशोधन

SARFAESI एक्ट, 2002 और ऋण वसूली अधिनियमों में संशोधन कर उन्हें और प्रभावी बनाया गया है।

DRT सीमा बढ़ी

ऋण वसूली ट्राइब्यूनल (DRT) में मामलों की न्यूनतम सीमा ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख की गई है, जिससे बड़े मामलों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा सके।

बैंकों की तैयारी

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने तनावग्रस्त संपत्तियों की निगरानी और वसूली के लिए विशेष शाखाएं और वर्टिकल्स स्थापित किए हैं। बिजनेस करेस्पॉन्डेंट्स और "Feet-on-Street" मॉडल से भी रिकवरी में मदद मिली है।

RBI का प्रूडेंशियल फ्रेमवर्क

RBI ने एक ढांचा बनाया है जिससे तनावग्रस्त संपत्तियों की जल्दी पहचान और समाधान सुनिश्चित किया जा सके। इससे बैंकों को समय पर कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहन भी मिलता है।

संपत्ति मूल्यांकन और बिक्री

आरबीआई की गाइडलाइंस के अनुसार:

  • संपत्तियों का मूल्यांकन स्वतंत्र और योग्य वैल्यूअर्स द्वारा किया जाना अनिवार्य है।
  • ₹50 करोड़ या उससे अधिक मूल्य की संपत्ति के लिए कम से कम दो स्वतंत्र मूल्यांकन रिपोर्ट आवश्यक हैं।
  • संपत्ति जब्त करने और बेचने से पहले पुनः मूल्यांकन अनिवार्य है।
  • बेहतर मूल्य प्राप्ति के लिए संपत्तियों की ई-नीलामी को बढ़ावा दिया गया है।

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Content Writer

jyoti choudhary

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