अब सता रहा महंगाई का डर, बंदरगाहों पर फंसा हजारों टन प्याज

punjabkesari.in Wednesday, Aug 23, 2023 - 03:55 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः मानसून के चलते प्याज उत्पादक राज्यों में बड़े पैमाने पर उत्पादन घटने का अनुमान पहले ही व्य​क्त किया जा रहा था। रेटिंग एजैंसी क्रिसिल ने भी त्यौहारी सीजन में प्याज की कीमतें 70 से 80 रुपए पहुंचने का अनुमान व्यक्त किया था। इसे देखते हुए ​सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत की ड्यूटी लगा दी लेकिन इससे प्याज का संकट और बढ़ गया है। प्याज मंडियों के कारोबारियों ने हड़ताल कर दी है। कारोबारियों की इस ब्लैकमेलिंग से सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा है लेकिन इससे कृषि उपज मंडियों में प्याज बेचने आए किसान मुश्किल में हैं। वहीं देश के दूसरे हिस्सों में इससे प्याज की कीमतें बढ़ने का डर सताने लगा है।

कारोबारियों के अनुसार देश की प्रमुख बंदरगाहों पर लाखों टन प्याज अटका हुआ है। ऐसे में जब तक मुम्बई और अन्य बंदरगाहों व बांग्लादेश सीमा पर फंसे हजारों टन प्याज निर्यात शुल्क के भुगतान के बिना आगे नहीं बढ़ जाते, तब तक नीलामी बंद रहेगी। हालांकि, नीलामी लासलगांव ए.पी.एम.सी. की विंचुर उप-समिति में आयोजित की गई थी, जहां कीमतें 800 रुपए (न्यूनतम) से 2,360 रुपए (अधिकतम) के बीच रहीं। प्याज की औसत कीमत 2,150 रुपए प्रति क्विंटल औसत थीं।

दो दिन से नासिक की मंडियों में कारोबार ठप्प

देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव सहित महाराष्ट्र के नासिक जिले में ज्यादातर कृषि उपज विपणन समितियों (ए.पी.एम.सी.) में दो दिन से प्याज की नीलामी बंद है। व्यापारी प्याज पर निर्यात शुल्क बढ़ाने का विरोध कर रहे हैं। नासिक शहर में जिला कलैक्टर जलज शर्मा की अध्यक्षता में व्यापारियों-निर्यातकों और किसानों के प्रतिनिधियों की एक बैठक हुई, लेकिन व्यापारी नीलामी में हिस्सा नहीं लेने के अपने फैसले पर अड़े रहे।

इन तीन देशों को निर्यात होता है प्याज

देश में बड़े पैमाने पर प्याज का निर्यात किया जाता है। इस वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से 4 अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया। मूल्य के लिहाज से शीर्ष 3 आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं। मुख्यत: मुम्बई के आसपास की बंदरगाहों से यह प्याज निर्यात होता है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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