नोटबंदी के बाद देश में दूध की बिक्री बढ़ी

punjabkesari.in Friday, Dec 30, 2016 - 01:12 PM (IST)

नई दिल्ली: देश में नोटबंदी के प्रभाव को लेकर भले ही आशंकाएं जताई जा रही हों लेकिन कुछ क्षेत्रों में इसका कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है। कम से कम सरकार के आंकड़े तो यही दावा कर रहे हैं। इन्हीं में से एक दावा नोटबंदी के बाद देश में दूध के उत्पादन और खेती के लिए बीज की बिक्री को लेकर है। आशंकाओं के विपरीत कृषि मंत्रालय ने दावा किया है कि नोटबंदी के बाद देश में दूध की बिक्री बढ़ी है।

मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 8 नवंबर को घोषित नोटबंदी के पहले जहां अमूल के दूध की बिक्री रोजाना औसतन 64.5 करोड़ रुपए थी वहीं उसके बाद 26 दिसंबर तक इसमें तकरीबन 15 फीसदी का इजाफा हुआ और ये बढ़कर रोजाना 74 करोड़ रुपए हो गई।

वहीं मदर डेयरी के दूध की बिक्री में भी मामूली बढ़ौत्तरी ही दर्ज़ की गई है। नोटबंदी के पहले जहां प्रतिदिन 28.06 लाख लीटर दूध की बिक्री होती थी वहीं उसके बाद औसतन 29.61 लाख लीटर की औसतन बिक्री हो रही है.

दिल्ली दुग्ध योजना (DMS ) की बिक्री भी 2.70 लाख लीटर रोजाना से बढ़कर 2.76 लाख लीटर हो गई है हालांकि बिक्री में हुए इस इजाफे की कोई वजह सरकार बताने में असमर्थ है।  

राष्ट्रीय बीज निगम के आंकड़ों के मुताबिक़ 2015 के खरीफ सीजन में जहां 5.51 लाख क्विंटल बीज की बिक्री हुई थी वहीं इस साल केवल 5.20 लाख क्विंटल की बिक्री दर्ज़ की गई है। हालांकि बीज की बिक्री में आई इस कमी से रबी फसलों खासकर गेहूं के उत्पादन पर कोई फर्क पड़ेगा या नहीं इसपर अभी कृषि मंत्रालय कुछ नहीं कहना चाहता है। आशावान कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह इसके जवाब में केवल इस तथ्य का हवाला दे रहे हैं जिसमें पिछले साल के मुक़ाबले इस वर्ष प्रति हैक्टेयर रबी फसलों की बुआई अबतक ज्यादा दर्ज की गई है।


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