नोटबंदी और महंगे विमान ईंधन से घटा एयरलाइंसों का मुनाफा

punjabkesari.in Wednesday, Feb 15, 2017 - 04:43 PM (IST)

नई दिल्लीः नोटबंदी तथा महंगे विमान ईंधन की मार से विमान सेवा कंपनियों का मुनाफा 31 दिसंबर को समाप्त तीसरी तिमाही में बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालांकि, यात्रियों की बढ़ती संख्या के कारण वे मुनाफा कमाने में सफल रही हैं। शेयर बाजार में सूचीबद्ध विमान सेवा कंपनियों में इंडिगो, जेट एयरवेज तथा स्पाइसजेट ने अपने परिणाम घोषित कर दिए हैं। तीनों का मुनाफा घटा है। जेट एयरवेज का शुद्ध लाभ 69.52 प्रतिशत घटकर 142.38 करोड़ रुपए रह गया।

इंडिगो का मुनाफा 25.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ 487.26 करोड़ रुपए तथा स्पाइसजेट का 24.51 प्रतिशत घटकर 181.14 करोड़ रुपए पर आ गया। इस दौरान तीनों कंपनियों राजस्व बढ़ा है लेकिन विमान ईंधन पर लागत बढऩे से उनका व्यय आय की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ा है। साथ ही नोटबंदी के कारण ग्राहकों की धारणा कमजोर होने से कंपनियों को प्रति सीट प्रति किलोमीटर आय भी घटानी पड़ी है ताकि सीटें बहुत ज्यादा खाली न/न रह जाएं।  

स्पाइस जेट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने बताया कि नोटबंदी के कारण घरेलू से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर प्रभाव पड़ा है जहां यात्रियों की संख्या में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि नकद में हवाई यात्रा के टिकट कम ही बुक किये जाते हैं लेकिन लोग फिलहाल पैसे खर्च करने से डर रहे हैं। उनका कहना है कि नोटबंदी का असर अगले दो-तीन महीने तक जारी रह सकता है। 

विमान ईंधन के मद में स्पाइस जेट की लागत 29 प्रतिशत बढ़कर 473.77 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। इस मद में इंडिगो तथा जेट एयरवेज की लागत क्रमश: 43.34 प्रतिशत तथा 15.67 प्रतिशत बढ़ी है। सिंह ने कहा कि यदि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल की कीमत 55 से 60 डॉलर प्रति डॉलर के बीच भी रहती है तो मौजूदा भारतीय बाजार में मांग इतनी है कि वह उसे झेल सकती है यानी टिकट के दाम बढऩे पर भी मांग बनी रहेगी लेकिन यदि यह 65 से 70 डॉलर पर पहुंच जाती है तो मांग में गिरावट आ सकती है क्योंकि देश में टिकट की कीमत भी यात्रियों को आकर्षित करने में एक बड़ा कारक है।  


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