भारतीय शेयर बाजार को लेकर Nomura की भविष्यवाणी, जानें क्या कहा?
punjabkesari.in Thursday, Feb 27, 2025 - 11:57 AM (IST)
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बिजनेस डेस्कः जापान की ब्रोकरेज फर्म Nomura Holdings ने भारतीय शेयर बाजार पर दबाव बने रहने की भविष्यवाणी की है। फर्म का कहना है कि विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) चीन की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे भारतीय बाजार में बिकवाली का सिलसिला जारी रह सकता है।
Nomura के अनुसार, भारतीय बाजार अभी भी उच्च मूल्यांकन पर ट्रेड कर रहा है, जो निवेशकों के लिए चिंता का विषय है। फिलहाल MSCI इंडिया इंडेक्स का PE रेशियो 21x पर है, जबकि 2015 और 2022 का औसत क्रमशः 19.6x और 21.5x रहा है। यह स्तर नए निवेश के लिए आकर्षक हो सकता था, लेकिन चीन में बढ़ते निवेश अवसरों और घरेलू आर्थिक चुनौतियों के कारण भारतीय बाजार में अभी और गिरावट देखने को मिल सकती है।
चीन के बाजार में निवेशकों की रुचि बढ़ी
हाल ही में चीन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) जैसे क्षेत्रों में तेज़ी आई है। खासकर, डीपसीक (DeepSeek) चैटबॉट के चलते चीन का टेक्नोलॉजी सेक्टर निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है। इससे चीन को अब सस्ता बाजार नहीं माना जा रहा, और विदेशी निवेशक तेजी से वहां निवेश बढ़ा रहे हैं।
भारतीय बाजार पर दबाव बढ़ेगा?
Nomura ने चेतावनी दी है कि चीन के आकर्षक निवेश माहौल के चलते विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल सकते हैं। साथ ही, भारत की धीमी अर्थव्यवस्था, कमजोर कॉर्पोरेट आय और अमेरिकी टैरिफ नीतियों के कारण भारतीय बाजार पर दबाव और बढ़ सकता है।
इसके अलावा, रुपए की कमजोरी और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से भारतीय शेयर बाजार में और गिरावट आने की संभावना जताई गई है।
FII की बिकवाली जारी रह सकती है
Nomura का कहना है कि विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजार में हिस्सेदारी 16% तक गिर गई है, जो पिछले एक दशक में सबसे कम है लेकिन FII अभी भी भारतीय शेयरों में 782 अरब डॉलर (लगभग ₹65 लाख करोड़) का निवेश रखते हैं, जो कोविड-पूर्व स्तर से अधिक है। अगर चीन में सकारात्मक माहौल जारी रहा, तो FII की बिकवाली आगे भी जारी रह सकती है।
Nomura का कहना है कि अभी तक म्यूचुअल फंड्स के जरिए शेयर बाजार में रिटेल निवेशकों का आने वाला निवेश मजबूत बना हुआ है लेकिन ब्रोकरेज फर्म को डर है कि अगर घरेलू निवेशक भी म्यूचुअल फंड्स से पैसे निकालने लगते हैं, तो यह बाजार में और गिरावट ला सकता है।
लंबी अवधि के लिए भारत पर भरोसा कायम
हालांकि, Nomura ने कहा कि वह लंबी अवधि के नजरिए के हिसाब से भारतीय शेयर बाजार पर अब भी पॉजिटिव बना हुआ है। ब्रोकरेज का मानना है कि मौजूदा सुस्ती एक साइक्लिक चरण है, न कि कोई बड़ी स्ट्रक्चरल गिरावट।
ब्रोकरेज ने कहा कि NSE 500 और Nifty 50 इंडेक्स में 200 DMA से नीचे ट्रेड करने वाले शेयरों की संख्या रिकॉर्ड निचले स्तर पर है। ऐतिहासिक रूप से, इस स्थिति के बाद 3, 6 और 12 महीनों में बाजार में मजबूती देखने को मिलती है।