Ola Electric के खिलाफ ARAI की कार्रवाई, कीमतों में कटौती से सब्सिडी पर संकट

punjabkesari.in Monday, Oct 14, 2024 - 11:39 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय इलेक्ट्रिक दोपहिया (Electric Two Wheeler) बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) के खिलाफ नई नियामकीय कार्रवाई हो रही है। इसके तहत ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) ने कंपनी द्वारा अचानक कीमत घटाए जाने पर चिंता जताई है।

महत्वपूर्ण बिंदु

कीमत में कटौती: ओला इलेक्ट्रिक ने अपनी 'बॉस' सेल के तहत एस1 एक्स 2 केडब्ल्यूएच मॉडल की कीमत 74,999 रुपए से घटाकर 49,999 रुपए कर दी है।
एआरएआई की चिंता: एआरएआई ने ओला को 8 अक्टूबर को भेजे गए एक मेल में मूल्य में कटौती के बारे में सूचित न किए जाने को लेकर चिंता व्यक्त की है। इस तरह की चूक पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव योजना के तहत सब्सिडी पाने की पात्रता को प्रभावित कर सकती है।

सरकारी सब्सिडी की पात्रता

  • ओला ने एआरएआई को अपने मॉडल की एक्स-फैक्ट्री कीमत 75,001 रुपए बताई है, जिसके आधार पर 10,000 रुपए की सब्सिडी का प्रमाण पत्र दिया गया है।
  • यदि कीमत 49,999 रुपए कर दी जाती है, तो सब्सिडी घटकर 7,500 रुपए रह जाएगी, क्योंकि 15 फीसदी की सीमा कम एक्स-फैक्टरी कीमत पर लागू होती है।

परीक्षण एजेंसी ने इस मामले में स्पष्टीकरण देने और तथ्यों को जल्द से जल्द प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है। दिशानिर्देशों का उल्लंघन साबित होने पर कंपनी को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है और उसे सब्सिडी भी खोनी पड़ सकती है।

ARAI की कार्रवाई

एआरएआई ने ओला से स्पष्टीकरण मांगा है और जल्द तथ्यों को प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है। यदि कोई उल्लंघन पाया जाता है, तो कंपनी को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

उपभोक्ता शिकायतें

यह कार्रवाई केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के बाद की गई है, जो 9,948 शिकायतों पर आधारित है। ये शिकायतें मुख्य रूप से डिलिवरी में देरी, उत्पाद में खामियां और भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित थीं।

भविष्य की चुनौतियां

ओला इलेक्ट्रिक को सर्विस सेंटरों को बरकरार रखते हुए वारंटी दायित्वों को पूरा करने का निर्देश दिया गया है। कंपनी कई सरकारी प्रोत्साहन योजनाओं की प्रमुख लाभार्थी है, जैसे फेम 2 योजना, ईएमपीएस, और पीएम ई-ड्राइव।

ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ यह दूसरी कार्रवाई है और उद्योग में उसकी स्थिति पर इसका व्यापक असर पड़ सकता है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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