पाक कारोबारी: हमले से भारत-पाक व्यापार को झटका

punjabkesari.in Friday, Sep 30, 2016 - 12:19 PM (IST)

मुंबईः भारतीय सेना द्वारा सीमा पार की गई कार्रवाई के बाद घरेलू स्टॉक मार्केट में गुरुवार को तेज गिरावट देखने को मिली है। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका के बाद मार्कीट पर इसका असर कुछ समय तक देखने को मिल सकता है। हालांकि मार्कीट इस बात को लेकर एकमत है कि स्टॉक मार्कीट जल्द ही इस दबाव से उबर जाएगा। 

MFN का दर्जा वापस लेने पर विचार
कराची चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पूर्व अध्यक्ष मियां अबरार अहमद ने कहा, 'आज हमें लग रहा है कि हमने यह सोचकर गलती की थी कि भारत के साथ कारोबारी रिश्ते सामान्य हो सकते हैं। हम भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आक्रामक नीतियों से निराश हैं।' गौरतलब है कि भारत पाकिस्तान को करीब 20 साल पहले दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस लेने पर भी विचार कर रहा है।

ऑयल, गैस, होटल, आईटी और फार्मा जैसे सैक्टरों में सक्रिय पाकिस्तान के बड़े कारोबार समूह हशवानी ग्रुप ऑफ कंपनीज के सीईओ अमीन हशवानी ने कहा, 'पाकिस्तान ने तो भारत को एम.एफ.एन. का दर्जा नहीं दिया है लेकिन अगर आप भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय कारोबार पर नजर डालें तो यह सालाना करीब 2 अरब डॉलर का है और इसमें भारत की भागीदारी 80 फीसदी है। हमें एम.एफ.एन. का दर्जा दिए जाने का कोई मतलब ही नहीं है क्योंकि भारत को सामान एक्सपोर्ट करने में कई पाकिस्तानी कारोबारियों को अब भी दिक्कत होती है।'

सूत्रों के अनुसार इस तरह की आवाजाही करीब 6 अरब डॉलर सालाना तक की है। पीटरसन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनैशनल इकनॉमिक की ओर से की गई एक स्टडी के मुताबिक, अगर कुछ बाधाओं को हटा दिया जाए तो दोनों देशों के बीच व्यापार 42 अरब डॉलर तक जा सकता है। कारोबारी संबंधों में सुधार की राह में सबसे बड़ी बाधा अस्थिर राजनीतिक संबंध रहे हैं। दोनों देशों के कई कारोबारियों का दावा है कि कारोबारी नियम 'निष्पक्ष नहीं हैं।' पाकिस्तानी कारोबारियों की शिकायत है कि भारत ने नेगेटिव आइटम्स की लिस्ट बहुत लंबी रखी है। इन चीजों का आयात एम.एफ.एन. दर्जे के बावजूद नहीं किया जा सकता है।

हालांकि दोनों देशों में बढ़े तनाव के बावजूद पाकिस्तानी कारोबारियों का एक तबका उम्मीद बांधे हुए है कि दोनों देशों में सबंध बिगड़ेंगे नहीं। फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के डायरेक्टर दाऊद उस्मान जखूरा ने कहा, 'हम पड़ोसी हैं और हमें बातचीत से समाधान निकालना चाहिए। जंग किसी चीज का हल नहीं है।'
 


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