भारतीय मसालों की गुणवत्ता पर उठे सवाल, निर्यात पर बड़ा खतरा!

punjabkesari.in Thursday, May 02, 2024 - 11:52 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत के मसाले दुनियाभर में खाए और बेचे जाते हैं लेकिन जिस तरह के क्वालिटी से संबंधित मामले कई देशों से निकलकर सामने आए हैं, उससे देश के मसाला कारोबार को बड़े संकट में डाल दिया है। दुनिया भर के कई देशों में भारत से आने वाले मसालों पर गुणवत्ता को लेकर कार्रवाई की गई है। ये देश घरेलू मसाला बाजारों के लिए अहम बाजार हैं। आंकड़ों के अनुसार फिलहाल जिन देशों में मसालों को लेकर सवाल खड़े हुए हैं वहां भारत से 70 करोड़ डॉलर (करीब 6 हजार करोड़ रुपए) के मसालों का निर्यात किया जाता है। थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के मुताबिक अगर कुछ और देश भारत में उत्पन्न होने वाले मसालों पर सवाल खड़े करते हैं तो आधा एक्सपोर्ट कारोबार जोखिम में आ सकता है।

क्या है मामला

हॉन्गकॉन्ग की फूड रेग्युलेटरी अथॉरिटी सेंटर फॉर फूड सेफ्टी ने 5 अप्रैल को एक रिपोर्ट जारी की थी जानकारी दी गई कि एमडीएच के तीन उत्पाद मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला और करी पाउडर में कीटनाशक एथलीन ऑक्साइड की मात्रा तय सीमा से ज्यादा मिली है। इसके साथ ही एवरेस्ट के फिश करी मसाले में भी कीटनाशक की मात्रा मिली है। वेंडर्स को अथॉरिटी ने निर्देश दिए हैं कि इन उत्पादों को अपने काउंटर से हटा लें और इनकी बिक्री को रोक दिया जाए। लंबी समय तक एथलीन ऑक्साइड के इस्तेमाल से गंभीर रोग होने की आशंका होती है।

इस कदम के बाद अमेरिका, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और माले ने भी एमडीएच और एवरेस्ट के मसालों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए हैं। वित्त वर्ष 2024 में भारत ने इन देशों में 69.2 करोड़ डॉलर मूल्य के मसालों का निर्यात किया था। सवाल खड़े करने के बाद इस पूरे कारोबार पर असर पड़ने की आशंका बन गई है।

बढ़ सकता है असर

निजी ट्रेड रिसर्च थिंकटैंक ने चेतावनी जारी की है कि अगर इन देशो में चीन भी शामिल हो जाता है तो भारत से एक्सपोर्ट होने वाले कुल मसाले का 51 फीसदी कारोबार सवालों के दायरे में आ जाएगा जो कि 2.17 अरब डॉलर के बराबर है। वहीं अगर यूरोपियन यूनियन क्वालिटी को लेकर कोई सवाल खड़े करता है तो 2.5 अरब डॉलर का कारोबार सवालों के दायरे में आ जाएगा। एमडीएच और एवरेस्ट, अमेरिका, यूरोप, मिडिल ईस्ट और यूके में अपने मसाले भेजते हैं।

जीटीआरआई ने कहा है कि फिलहाल जरूरत है कि अथॉरिटी तेजी के साथ एक्शन लें और ग्लोबल मार्केट में अपना भरोसा वापस पाने की कोशिश करें। जीटीआरआई ने चेतावनी दी है कि अगर देश के कुछ बड़े ब्रांड पर सवाल खड़े होते हैं तो इसके साथ ही देश के पूरे मसाला उद्योग को लेकर भी सवाल खड़े किए जाएंगे।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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