FPIs withdraw in just 3 Days: FPI की जबरदस्त सेलिंग: भारतीय बाजार से लगातार निकाल रहे पैसा, जानें कारण?

punjabkesari.in Thursday, Dec 04, 2025 - 12:11 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने एक बार फिर भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली तेज कर दी है। दिसंबर के पहले तीन सत्रों में एफपीआई ने लगभग ₹8,369 करोड़ (933 मिलियन डॉलर) की शुद्ध बिकवाली की, जिससे रुपए पर दबाव बढ़ा है। इसके बावजूद घरेलू शेयर बाजार में तेज गिरावट नहीं देखने को मिली। इसकी मुख्य वजह म्यूचुअल फंडों के जरिए लगातार होता निवेश है, जिसने बाजार को स्थिरता प्रदान की है।

NSDL के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2025 में अब तक एफपीआई कैश सेगमेंट से 17.3 बिलियन डॉलर की रिकॉर्ड शुद्ध निकासी कर चुके हैं। नवंबर में विदेशी निवेशकों ने 3,765 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे। अक्टूबर में निवेशकों ने 14,610 करोड़ रुपए बाजार में डाले थे, जबकि इससे पहले एफपीआई ने सितंबर में 23,885 करोड़ रुपए, अगस्त में 34,990 करोड़ रुपए और जुलाई में 17,700 करोड़ रुपए की बिकवाली की थी।

FPI की बिकवाली क्यों बढ़ी?

मार्केट विशेषज्ञों के अनुसार, इस तीव्र बिकवाली की मुख्य वजह भारतीय बाजार का ऊंचा वैल्यूएशन है। साल की शुरुआत से भारतीय इक्विटी की कीमतें अन्य उभरते बाजारों की तुलना में काफी महंगी हो गईं, जिसके चलते विदेशी निवेशकों ने अपने पोर्टफोलियो को अपेक्षाकृत सस्ते बाजारों की ओर मोड़ना शुरू किया।

DIIs ने संभाला बाजार

एफपीआई की बिकवाली के बावजूद घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) के मजबूत निवेश ने बाजार को सपोर्ट दिया है। AMFI के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से नवंबर 2025 के बीच SIP के जरिए म्यूचुअल फंडों में 2.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ग्रॉस इनफ्लो आया। घरेलू निवेशकों की इस मजबूत लिक्विडिटी ने सेंसेक्स और निफ्टी को एफपीआई की बिकवाली के दबाव से बचाए रखा।

27 नवंबर को सेंसेक्स 14 महीने बाद 86,000 के स्तर को पार कर 86,159 के नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा था। हालांकि, इसके बाद लगातार चार सत्रों में बढ़ी बिकवाली की वजह से सूचकांक 1,000 अंक से अधिक फिसलकर बुधवार को 85,107 पर बंद हुआ। अधिकांश सेक्टरों में गिरावट देखने को मिली, लेकिन आईटी सेक्टर मजबूती बनाए रखने में सफल रहा।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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