देश में कई हजार करोड़ का रूई स्टाक, तेजड़िया के टूटे सपने

punjabkesari.in Monday, Apr 23, 2018 - 04:18 AM (IST)

जैतो: उत्तर भारत के प्रमुख कपास पैदावार राज्यों पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान की मंडियों में अब तक रूई की लगभग 54,53,400 गांठों की आमद हो चुकी है।सूत्रों के अनुसार उत्तरी राज्यों में आई कुल गांठों में सर्वाधिक हरियाणा में 23,07,500 गांठों की आमद हुई है जबकि पंजाब 9,45,800 गांठ, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़- रावतसर सर्कल 10,02,400 गांठ तथा लोअर राजस्थान क्षेत्र की मंडियों में 11,97,800 गांठों की आमद हुई है। सूत्रों के अनुसार बीते कपास सत्र के दौरान उपरोक्त राज्यों में कुल 45.50 लाख गांठों की आमद हुई थी। 

चालू कपास सत्र 2017-18 के दौरान कपास पैदावार 55-56 लाख गांठ होने की उम्मीद जताई गई है। आजकल गेहूं की आमद होने के कारण किसानों ने मंडियों में कपास लेकर आना बेहद कम कर दिया है जिससे आमद 14000 गांठों से कम होकर 5000 गांठों से काफी नीचे रह गई है। उम्मीद की जाती है कि मई महीने के प्रथम हफ्ते मंडियों में कपास की आमद पुन: शुरू होगी। बाजार जानकारों का कहना है कि मंडियों में कपास की आमद कमजोर होने का कारण किसान गेहूं मंडियों में लेकर आने में व्यस्त हैं। 

इस साल जनवरी महीने के दूसरे हफ्ते में रूई ने अपने तेवर बदल कर आकाश पर जा चढ़ाए और भाव 4460 से 4485 रुपए मन पर मोहर लगा दी। सूत्रों के अनुसार इस तेजी ने अधिकांश कपास जिनरों, मल्टीनैशनल रूई कम्पनियों, निर्यातकों, ट्रेडर्स का मन तेजी में जबरदस्त जकड़ दिया था जो आज भी उक्त कारोबारियों के मन से तेजी आने की बात नहीं निकल रही है। माना जाता है कि देश में उपरोक्त रूई कारोबारियों के पास कई हजार करोड़ रुपए की करीब 55 लाख गांठों का स्टाक है। रूई स्टाकिस्ट (तेजडि़ए) बीते साढ़े 3 माह से मोटी तेजी आने के सपने ले रहे हैं लेकिन अभी तक उनके सपने टूट रहे हैं। 

स्टाकिस्ट तेजी में, खरीदार डूबे मंदी में
रूई स्टाकिस्ट आगामी महीनों के दौरान रूई कीमतों को लेकर बड़ी तेजी आने की उम्मीद लगाए बैठे हैं लेकिन कताई मिलें देश भर में रूई गांठों का बड़ा स्टाक होने से रूई में उछाल होने की सम्भावना कम बता रहे हैं। बीते सोमवार रूई ने अचानक छलांग लगा कर पंजाब में 4300 रुपए मन पर मोहर लगा दी थी। मोहर लगते ही रूई ने नीचे उतरना शुरू कर दिया। हफ्ते में 25-30 रुपए मन मंदी के उपरांत फिर रूई ने शनिवार को 4300 रुपए मन भाव बना दिए। इन भावों में अधिकांश कताई मिलों की खरीद एकदम खामोश हो गई। उन्हें उम्मीद लगी थी कि बीते हफ्ते की तरह रूई 4300 रुपए मन से बैक गियर लगा देगी। 

ग्रहों की चाल से आती है तेजी-मंदी
रूई बाजार में तेजी-मंदी का रुख ग्रहों के राशि परिवर्तन तथा ग्रहों के एक-दूसरे पर शुभ दृष्टि व बुरी दृष्टि के कारण बनता है।

निर्यात बढऩे की उम्मीद पर भी तेजी नहीं
देश की जानी-मानी रूई कारोबारी संस्था काटन एसोसिएशन आफ इंडिया (सी.ए.आई.) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि चालू कपास सत्र 2017-18 के भीतर देश में गत सत्र 2016-17 के मुकाबले लगभग 10 लाख गांठों का अधिक रूई निर्यात होगा। अक्सर सभी जिन्सों में तेजी निर्यात बढऩे पर जरूर आती है, लेकिन अभी तक हाजिर रूई के तेवर तेजी के उछाल की तरह नहीं बदले। बीते साल कुल 58 लाख गांठ निर्यात हुई थीं। 


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Content Writer

Pardeep

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