Adani Ports को LIC से ₹5,000 करोड़ की फंडिंग, जारी किए 15 साल के बॉन्ड

punjabkesari.in Friday, May 30, 2025 - 11:19 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः सरकारी बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जीवन बीमा निगम (LIC) ने एक बार फिर अपने निवेश निर्णय से चर्चा बटोरी है। इस बार LIC ने अडानी ग्रुप की प्रमुख कंपनी Adani Ports and Special Economic Zone (APSEZ) के ₹5,000 करोड़ के नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) इश्यू को पूरी तरह सब्सक्राइब किया है। इसका मतलब है कि LIC ने अडानी पोर्ट्स को ₹5,000 करोड़ का लोन दिया है। 

अडानी पोर्ट्स देश का सबसे बड़ा प्राइवेट पोर्ट ऑपरेटर है। कंपनी का कहना है कि वह एलआईसी से मिले पैसे का इस्तेमाल अपने पुराने लोन चुकाने और कारोबार को बढ़ाने में करेगी। कंपनी अपने पुराने लोन को कम ब्याज दर वाले लोन से बदलना चाहती है। इससे कंपनी को फायदा होगा क्योंकि उसे कम ब्याज देना होगा।

इस डील के तहत अडानी पोर्ट्स को 15 वर्षों के बाद यह राशि एलआईसी को लौटानी होगी और इस पर 7.75% वार्षिक ब्याज देना होगा। एलआईसी पहले से ही अडानी पोर्ट्स में 8.06% हिस्सेदारी रखती है। अडानी ग्रुप, गौतम अडानी के नेतृत्व में, अपनी ऋण संरचना को सुधारने और कम ब्याज दरों पर दीर्घकालिक ऋण लेने की रणनीति पर काम कर रहा है।

ब्याज दर में कमी का असर

कंपनी के अनुसार, रणनीतिक रूप से लोन पुनर्गठन करने से उसकी औसत ब्याज दर वित्त वर्ष 2024-25 में घटकर 7.92% हो गई है, जबकि पिछले साल यह 9.02% थी। एक घरेलू ब्रोकरेज फर्म के फिक्स्ड इनकम हेड का कहना है कि यह सौदा इस बात का संकेत है कि एलआईसी कॉर्पोरेट बॉन्ड में आक्रामक रूप से निवेश कर रही है। FY25 के अंत तक एलआईसी का कॉर्पोरेट बॉन्ड निवेश ₹80,000 करोड़ तक पहुंच चुका था।

अडानी पोर्ट्स की वित्तीय स्थिति और परिचालन

31 मार्च 2025 तक अडानी पोर्ट्स पर कुल ₹36,422 करोड़ का कर्ज था, जबकि कंपनी का EBITDA 20,471 करोड़ रहा। नेट डेट-टू-EBITDA अनुपात घटकर 1.78 गुना हो गया है, जो FY24 में 2.3 गुना था। अडानी पोर्ट्स की कुल कार्गो हैंडलिंग क्षमता 633 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) है, जिसमें FY24 में 450 MMT कार्गो का संचालन किया गया। भारत में कंपनी के पास 15 पोर्ट और टर्मिनल हैं, जबकि इज़राइल, तंजानिया, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका में भी इसके पोर्ट एसेट्स हैं।
 
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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