Black Friday: इसराईल-ईरान वॉर, भारत में मचा हाहाकार, गोल्ड, कच्चे तेल से लेकर हिल गया शेयर बाजार

punjabkesari.in Friday, Jun 13, 2025 - 05:11 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः बीते कुछ समय से सोने की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही थी और सोने के दाम 1 लाख रुपए के लैवल से नीचे थे, जिसकी वजह से देश की महिलाएं राहत की सांस ले रही थीं। वहीं दूसरी ओर दुनियाभर के इकोनॉमिस्ट कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की उम्मीद कर रहे थे। उसका कारण था कि अमरीका के साथ ओपेक देशों ने भी कच्चे तेल के प्रोडक्शन में इजाफा करने की बात कही थी।

इसके अलावा शेयर बाजार में फिर से रौनक देखने को मिल रही थी। मार्च की शुरूआत से लेकर 12 जून तक सैंसेक्स ने निवेशकों को 13 फीसदी का रिटर्न दे दिया था। वहीं रुपए में भी लगातार मामूली तेजी देखने को मिल रही थी।

अब ईरान पर इसराईल के मिसाइल हमले ने इस पूरी पिक्चर को बदलकर दिया। वैस्टर्न कल्चर में अशुभ माने जाने वाले शुक्रवार ने एक बार फिर से अपना रंग दिखा दिया। अगर इसे एक बार फिर से बाजार का ब्लैक फ्राइडे कहा जाए तो गलत नहीं होगा। जहां शेयर बाजार में सुबह के वक्त 1300 से ज्यादा अंकों की गिरावट देखी गई वहीं निफ्टी भी सुबह 415.2 अंकों की गिरावट के साथ खुला।

वहीं दूसरी ओर ईरान में बमबारी होने की वजह से पूरे मिडिल ईस्ट में तनाव फैल गया, जिसका असर कच्चे तेल की कीमतों में देखने को मिला। खाड़ी देशों का कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड ऑयल 2 महीने के हाई पर पहुंच गया। इसके अलावा देश में गोल्ड की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। जियो पॉलिटिकल टैंशन की वजह से निवेशकों ने सेफ हैवन गोल्ड की ओर जाना जरूरी समझा। भारत में गोल्ड के दाम एक बार फिर से 1 लाख रुपए के पार ही नहीं पहुंचे, बल्कि रिकॉर्ड लैवल पर भी आ गए। वहीं करेंसी मार्कीट में रुपए को भी मोटा नुकसान हुआ है और एक बार फिर से 86 के लैवल को पार कर गया है।

दो महीने के हाई पर कच्चा तेल

ईरान-इसराईल वॉर के बीच कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। मिडिल ईस्ट में टैंशन और ऑयल सप्लाई डिस्टर्बैंस की उम्मीदों के कारण ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में 13 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला। इसके बाद दाम 78.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए, जो दो महीने का हाई लैवल है। ये उन देशों के लिए बड़ा झटका है जो कच्चे तेल के लिए इंपोर्ट पर डिपैंड हैं। भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल इंपोर्ट करता है। वहीं दूसरी ओर अमरीकी क्रूड ऑयल डब्ल्यू.टी.आई. में करीब 12 फीसदी की तेजी देखने को मिली है जिसके बाद दाम 77.58 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए थे।

एक दिन पहले अमरीकी तेल के दाम 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे थे। खास बात तो यह है कि जून के महीने में अमरीकी ऑयल के दाम में करीब 28 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है, जबकि खाड़ी देशों का कच्चा तेल करीब 23 फीसदी तक महंगा हो चुका है।

जेपी मॉर्गन के जानकारों का मानना है कि सबसे खराब स्थिति में तेल की कीमत 120 डॉलर तक बढ़ सकती है। बैंक ने कहा कि ईरान पर हमला तेल की कीमतों को 120 डॉलर तक बढ़ा सकता है, जिससे अमरीकी महंगाई 5 फीसदी तक बढ़ सकती है।

रिकॉर्ड लैवल पर गोल्ड के दाम

वहीं दूसरी ओर भारत के साथ-साथ इंटरनैशनल मार्कीट में गोल्ड की कीमतों में अच्छी तेजी देखने को मिली है। जियो पॉलिटिकल टैंशन की वजह से सोने के दाम में उछाल आया है। देश के वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने की कीमत 1,00,403 रुपए प्रति दस ग्राम के साथ रिकॉर्ड लैवल पर पहुंच गई। खास बात तो यह है कि एम.सी.एक्स. पर गोल्ड की कीमत में 2,011 रुपए का उछाल देखने को मिला, जबकि एक दिन पहले सोने की कीमत 98,392 रुपए प्रति 10 ग्राम पर थी। खास बात तो यह है कि जून के महीने में गोल्ड की कीमत में 4,528 रुपए का इजाफा देखने को मिल चुका है।

वहीं दूसरी ओर विदेशी बाजारों की बात करें तो गोल्ड की कीमत में अच्छी तेजी देखने को मिली है। आंकड़ों के अनुसार न्यूयॉर्क के वायदा बाजार कॉमैक्स मार्कीट में गोल्ड एक फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 3,437.80 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है, जबकि कारोबारी सत्र के दौरान गोल्ड के दाम 3,466.75 डॉलर प्रति औंस के साथ दिन के हाई पर पहुंच गए थे। वहीं दूसरी ओर गोल्ड स्पॉट के दाम में करीब एक फीसदी का इजाफा देखने को मिल रहा है और दाम 3,416.39 डॉलर पर ट्रेड कर रहे थे, जबकि कारोबारी सत्र के दौरान गोल्ड स्पॉट के दाम 3,444.53 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गए थे।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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