Edible Oil: त्योहारी सीजन से पहले महंगाई का झटका, तीन दिन में ₹10/लीटर बढ़ें तेल के दाम
punjabkesari.in Tuesday, Sep 17, 2024 - 10:40 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः फेस्टिव सीजन (Festive Season) से पहले ही लोगों को महंगाई (Inflation) का एक और झटका लगा है। प्याज की बढ़ी कीमतों के बाद अब सरसों के तेल, रिफाइंड और सोयाबीन तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है। इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाए जाने के तीन दिनों के भीतर ही तेल की कीमतों में प्रति लीटर लगभग 10 रुपए की वृद्धि हुई है। जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में तेल के दाम और बढ़ सकते हैं। इसका सीधा असर लोगों की रसोई से लेकर बाजार में मिठाइयों के दाम पर पड़ने की आशंका है।
तेल की बढ़ती कीमतें
खाद्य तेल कारोबारी हेमंत गुप्ता के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 240 लाख टन खाद्य तेल की खपत होती है लेकिन इसका 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा आयात किया जाता है। आयातित तेल की कीमत आमतौर पर घरेलू तेल की तुलना में सस्ती होती है लेकिन केंद्र सरकार ने किसानों को राहत देने के उद्देश्य से खाद्य तेलों पर इंपोर्ट ड्यूटी (आयात शुल्क) बढ़ा दी है। इसका सीधा प्रभाव तेल की कीमतों पर पड़ा है और इसका असर अब होलसेल मार्केट में भी दिखने लगा है।
कीमतों में वृद्धि क्यों?
इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाए जाने के तीन दिनों के भीतर ही दिल्ली के होलसेल बाजारों में सरसों का तेल, रिफाइंड तेल और सोयाबीन तेल की कीमतों में प्रति लीटर लगभग 10 रुपए की वृद्धि हुई है। एक व्यापारी के अनुसार, नया बाजार होलसेल मार्केट में अब सरसों का तेल 140 रुपए प्रति लीटर, रिफाइंड तेल 135-140 रुपए प्रति लीटर और सोयाबीन तेल 125 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया है।
त्योहारी सीजन पर असर
त्योहारी सीजन में मिठाइयों और अन्य खाद्य पदार्थों की मांग में भारी वृद्धि होती है। खासकर दिवाली के समय मिठाइयों की बिक्री अपने चरम पर होती है। मिठाई और नमकीन बनाने वाले कारोबारियों का कहना है कि तेल के बढ़े हुए दाम से उनकी लागत बढ़ेगी, जिससे मिठाइयों और नमकीन की कीमतें भी बढ़ सकती हैं। उपभोक्ताओं को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी क्योंकि महंगे तेल का असर हर घर की रसोई से लेकर बाजारों तक महसूस किया जाएगा।
इस प्रकार, खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों ने न केवल आम आदमी के बजट पर असर डाला है, बल्कि त्योहारी सीजन में मिठाइयों और अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतें भी आसमान छू सकती हैं।