GST की वजह से सोने में भारतीयों की रुचि हुई कम

punjabkesari.in Friday, Nov 10, 2017 - 10:13 AM (IST)

नई दिल्ली: जुलाई से सितम्बर तिमाही के दौरान भारत में सोने के डिमांड में कमी आई है। लगता है भारतीयों में अब सोने में रुचि कम हो गई है। इस दौरान डिमांड 24 प्रतिशत घटकर 145.9 टन रही। 

2016 की तीसरी तिमाही के दौरान देश में सोने की डिमांड 193 टन रही थी। वहीं निवेश को लेकर भी लोगों में सोने का रुझान कम हुआ है। सितम्बर तिमाही के दौरान निवेश में डिमांड 23 प्रतिशत घटकर 31 टन रहा। वल्र्ड गोल्ड काऊंसिल ने इस बारे में अपनी रिपोर्ट जारी की है। वैल्यू के टर्म में इस दौरान गोल्ड की डिमांड 30 प्रतिशत घटकर 38,540 करोड़ रुपए रही। 2016 में इस दौरान गोल्ड की डिमांड 55,390 करोड़ रुपए रही थी। 

जी.एस.टी. से डिमांड पर हुआ असर 
वल्र्ड गोल्ड काऊंसिल के मैनेजिंग डायरैक्टर सोमसुंदरम पी.आर. का कहना है कि जी.एस.टी. लागू होने की वजह से तीसरी तिमाही में सोने को लेकर डिमांड कम रही है। 1 जुलाई यानी जी.एस.टी. लागू होने पर टैक्स बढऩे के डर से भी सोने की एडवांस खरीदारी की गई थी जिसकी वजह से भी सितम्बर तिमाही में मांग कमजोर रही। इससे पहले लगातार 3 तिमाही के दौरान सोने की डिमांड बढ़ी थी। 

पहले 9 महीनों में 131 प्रतिशत बढ़ा इम्पोर्ट 
रिपोर्ट के मुताबिक 2017 के पहले 9 महीनों यानी जनवरी से सितम्बर के बीच गोल्ड इम्पोर्ट 131 प्रतिशत बढ़कर 638.4 टन रहा। 1 जुलाई से सेल्स टैक्स बढऩे के चलते पहले हाफ  में गोल्ड की एडवांस खरीद की गई जिससे इम्पोर्ट डाटा बढ़ गया।

आभूषणों की डिमांड 25 प्रतिशत घटी  
आभूषणों को लेकर भी डिमांड 25 प्रतिशत गिरकर 115 टन रही। पिछले साल जुलाई से सितम्बर के दौरान आभूषणों की डिमांड 152.7 टन रही थी। वैल्यू के टर्म में आभूषण की डिमांड 43,880 करोड़ रुपए से घटकर 30,340 करोड़ रुपए रही। 

आगे भी डिमांड कमजोर रहने का अनुमान 
माना जा रहा है कि फिजिकल गोल्ड की बजाय इक्विटी मार्कीट में निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है जिसके चलते डिमांड में कमी आई है। वहीं एक्सपटर््स यह भी मान रहे हैं कि दिसम्बर तिमाही में भी सोने का इम्पोर्ट 25 प्रतिशत कम रह सकता है। फैस्टिव सीजन में कमजोर डिमांड और जी.एस.टी. से पहले एडवांस खरीदारी के चलते दिसम्बर तिमाही में डिमांड कमजोर रहने का अनुमान है। 


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