विदेश में बसने वाले भारतीयों ने बनाया रिकॉर्ड, 115 अरब डॉलर की राशि स्वदेश भेजी

punjabkesari.in Tuesday, Jul 30, 2024 - 04:13 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा श्रम उपलब्ध (Labor Available) कराने वाला देश बनने की राह पर है। यह दावा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की एक रिपोर्ट में किया गया है। भारत से हर साल लाखों लोग रोजगार और नौकरी के लिए विदेश जाते हैं और वहां डॉलर, पौंड और दिरहम में पैसा कमाकर भारत भेजते (रैमिटैंस के रूप में) हैं। साल 2023 में भारतीयों ने इस मामले में एक रिकॉर्ड बनाया है और जल्द ही दुनिया में NO.1 भी बन सकते हैं।
 
RBI की लेटैस्ट करेंसी एंड फाइनेंस रिपोर्ट (RCF) में बताया गया है कि विदेश में बसने वाले भारतीयों ने 2023 में 115 अरब डॉलर की राशि स्वदेश भेजी। इंडियन करेंसी (indian currency) में यह राशि करीब 9.6 लाख करोड़ रुपए बैठती है।

PunjabKesari

2029 तक भारतीय होंगे ग्लोबल लीडर

RBI का अनुमान है कि 2029 तक विदेश में रहने वाले भारतीय रैमिटैंस के तौर पर भारत में 160 अरब डॉलर की राशि भेजने लगेंगे। भारतीय मुद्रा में यह राशि करीब 13.6 लाख करोड़ रुपए की होगी। भारत अभी भी अपने लोगों से रैमिटैंस पाने वाले दुनिया के शीर्ष देशों में शुमार है। अगर 10 साल के औसत को देखें तो भारतीयों ने विदेश से हर साल करीब 80 अरब डॉलर पैसा स्वदेश भेजा है।

PunjabKesari

दुनियाभर में भारत की हिस्सेदारी

आंकड़ों के हिसाब से समझना हो तो ऐसे समझ सकते हैं, दुनियाभर में अपना देश छोड़कर जितने भी लोग विदेशों में काम करते हैं और अपने देशों में रैमिटैंस भेजते हैं, तब हर 100 रुपए में से 13.5 रुपए भारतीय अपने देश भेजते हैं।

बीते करीब 23 साल के आंकड़ों को देखें तो सन 2000 में विदेशों में रहने वाले भारतीय जितना पैसा भारत भेजते थे वह देश की GDP का 2.8 प्रतिशत होता था, जबकि 2023 में यह 3.2 फीसदी के बराबर पहुंच चुका है। इतना ही नहीं ये देश में आने वाले कुल FDI से भी ज्यादा पैसा है। साल 2023 में भारत को GDP के 1.9 प्रतिशत के बराबर ही FDI मिला है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Related News