विदेशी ब्रोकरेज हाऊसों के टॉप 5 पिक्स

punjabkesari.in Tuesday, Apr 05, 2016 - 01:57 PM (IST)

नई दिल्लीः मार्च में इंडियन स्टॉक मार्कीट 10 फीसदी चढ़ा है। चुनिंदा स्टॉक्स में तेजी बनी हुई है। हम यहां विदेशी ब्रोकरेज फर्मों के टॉप 5 रिकमंडेशन के बारे में बता रहे हैं। 

गोदरेज कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स लिमिटेड, टार्गेट प्राइस 1,600 रुपए 
सी.एल.एस.ए. ने क्लाइंट्स को भेजे नोट में इस कम्पनी की रेटिंग बाय से बढ़ाकर आऊटपरफॉर्म कर दी है। ब्रोकरेज हाऊस ने अगले 12 महीने के लिए इसका टार्गेट प्राइस 1,600 रुपए तक किया है। पहले यह 1,500 रुपए था। जी.सी.पी.एल. ने पिछले हफ्ते स्ट्रेंथ ऑफ नेचर एल.एस.सी. को खरीदने का एग्रीमेंट किया है। यह हेयर केयर प्रॉडक्ट्स बनाती है। इससे कम्पनी का इंटरनैशनल बिजनेस बढ़ेगा। अफ्रीकी महिलाओं के बीच इस कम्पनी के प्रॉडक्ट्स काफी लोकप्रिय हैं।

यस बैंक, टार्गेट प्राइस 900 रुपए
गोल्डमैन सैक्स ने यस बैंक की रेटिंग बाय से घटाकर न्यूट्रल कर दी है। उसने अगले एक साल के लिए इसका टार्गेट प्राइस 900 रुपए तय की है। हालांकि, ब्रोकरेज फर्म को यस बैंक की लॉन्ग टर्म ग्रोथ का भरोसा है। 

मारुति सुजुकी इंडिया, टार्गेट प्राइस 4,150 रुपए
सी.एल.एस.ए. ने मारुति सुजुकी इंडिया की रेटिंग डाऊनग्रेड की है। हालांकि, उसका कहना है कि मारुति के मार्कीट शेयर में और बढ़ौतरी हो सकती है। सी.एल.एस.ए. ने एक नोट में लिखा है, ''हमें मारुति 2 से 3 साल के लिए पसंद है। अगले एक साल में स्टॉक में ठीक-ठाक बढ़ौतरी हो सकती है।''

एच.सी.एल. टैक्नोलॉजीज, टार्गेट प्राइस 1,150 रुपए
क्रैडिट सुइस ने एच.सी.एल. टेक के लिए आऊटपरफॉर्म रेटिंग बनाए रखी है। वह जियोमैट्रिक को खरीद रही है, जिससे कम्पनी के मार्जिन में 0.30 फीसदी की कमी आने की आशंका है। हालांकि, क्रैडिट सुइस को लगता है कि जियोमैट्रिक को खरीदने से एच.सी.एल. का इंजीनियरिंग वर्टिकल मजबूत होगा।

आई.टी.सी., टार्गेट प्राइस 370 रुपए
आई.टी.सी. ने शनिवार को तब तक अपने सिगरेट प्लांट्स को बंद करने का ऐलान किया था, जब तक हैल्थ वॉर्निंग रूल्स को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो जाती। हालांकि, सी.एल.एस.ए. को नहीं लगता कि इससे मार्कीट में आई.टी.सी. से टोबैको प्रॉडक्ट्स की सप्लाई पर बहुत नेगेटिव असर पड़ेगा। आई.टी.सी. अब मार्जिन की कुछ कुर्बानी देकर सेल्स बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इस वजह से अगले फाइनैंशियल ईयर में कम्पनी की सेल्स ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। वहीं, पिछले 2 साल में एक्साइज ड्यूटी का बोझ कस्टमर्स पर डालने के चलते आई.टी.सी. के सिगरेट बिजनेस की वॉल्यूम ग्रोथ पर बुरा असर पड़ा था।


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