स्मॉलकैप में 5 महीने में सबसे ज्यादा उछाल, BSE में लिस्टेड कंपनियों का mcap रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा

punjabkesari.in Tuesday, Apr 30, 2024 - 11:12 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः निफ्टी स्मॉलकैप 100 आज लगातार छठे कारोबारी सत्र में बढ़त पर रहा और इस महीने इसमें 11.4 फीसदी की तेजी आ चुकी है। नवंबर 2023 के बाद सूचकांक में एक महीने में यह सबसे बड़ी उछाल है। दूसरी ओर निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक भी लगातार छह सत्रों में तेजी के साथ अप्रैल में करीब 6 फीसदी बढ़त में रहा। दिसंबर के बाद मिडकैप सूचकांक का किसी भी महीने में यह सबसे अच्छा प्रदर्शन है।

मूल्यांकन ज्यादा होने की फिक्र और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की ‘बुलबुले बनने’ की चेतावनी आने पर मार्च में दोनों सूचकांकों में बड़ी गिरावट आई थी। मगर इसके बाद दोनों सूचकांकों ने अपने नुकसान से ज्यादा की भरपाई की है। स्मॉलकैप 100 सूचकांक मार्च के निचले स्तर से 20 फीसदी चढ़ा है और निफ्टी मिडकैप 100 में 12 फीसदी की तेजी आई है। स्मॉल और मिडकैप सूचकांक में तेजी से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण रिकॉर्ड 406.5 लाख करोड़ रुपये (4.9 लाख करोड़ डॉलर) पर पहुंच गया। साल की शुरुआत में बाजार पूंजीकरण 364 करोड़ रुपये था।

इस महीने दोनों सूचकांकों ने सेंसेक्स और निफ्टी की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। सेंसेक्स और निफ्टी में इस महीने 1.4 फीसदी तेजी आई है। आईसीआईसीआई बैंक का तिमाही मुनाफा उम्मीद से बेहतर रहने से बेंचमार्क सूचकांकों का प्रदर्शन आज बेहतर रहा है और इनमें 1 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई। आईसीआईसीआई बैंक का शेयर 4 फीसदी से ज्यादा बढ़कर नई ऊंचाई पर पहुंच गया। भारतीय स्टेट बैंक और ऐ​क्सिस बैंक के शेयर भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। बैंकिंग शेयरों में तेजी से बैंक निफ्टी सूचकांक 2.5 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ।

बाजार के भागीदारों ने कहा​ कि खुदरा निवेशकों और देसी संस्थागत निवेशकों के दम पर स्मॉल और मिडकैप में तेजी आई है वहीं अमेरिका में बॉन्ड यील्ड बढ़ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली के दबाव के कारण लार्जकैप का प्रदर्शन कमजोर रहा। अमेरिका में मुद्रास्फीति के ऊंचे आंकड़ों के मद्देनजर अब निवेशक नीतिगत दर में कटौती जून के बजाय दिसंबर में होने की उम्मीद कर रहे हैं। अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने 8,677 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘एफपीआई द्वारा मुनाफावसूली करने के मद्देनजर लार्ज कैप में ट्रेडिंग करना जो​खिम भरा हो गया है। इसलिए ट्रेडर स्मॉल और मिडकैप पर ध्यान दे रहे हैं, जहां विदेशी स्वामित्व काफी कम है।’

विश्लेषकों ने कहा कि स्मॉल और मिडकैप में बिकवाली का दबाव तेजी से खत्म हो गया क्योंकि बीते समय में गिरावट के कारण निवेशक कुछ स्मॉल और मिडकैप शेयरों का मूल्य उचित मानकर उस पर दांव लगा रहे हैं।
 
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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