4 Big Reasons stock market comeback: ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद शेयर बाजार की दमदार वापसी, जानें 4 बड़े कारण

punjabkesari.in Thursday, Apr 03, 2025 - 02:04 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद 3 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट की आशंका जताई जा रही थी। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 900 अंकों तक गिरा, जबकि निफ्टी में भी भारी कमजोरी देखी गई। हालांकि, दिन के दौरान बाजार ने जबरदस्त वापसी की। दोपहर तक बाजार ने नुकसान की भरपाई करते हुए 700 अंकों की रिकवरी दर्ज की। निफ्टी भी 160.7 अंकों की छलांग लगाकर कारोबार के दौरान 23,306.50 के स्तर तक पहुंच गया। इसके चलते बाजार को सुबह के कारोबार में हुए नुकसान की काफी हद तक भरपाई करने में मदद मिली। फार्मा शेयरों में तेजी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने बाजार को सपोर्ट दिया।

शेयर बाजार में इस जोरदार वापसी के 4 बड़े कारण....

1. अमेरिकी टैरिफ छूट से भारतीय फार्मा सेक्टर को राहत

अमेरिका ने भारतीय फार्मा उत्पादों को टैरिफ छूट दी, जिससे भारतीय फार्मा कंपनियों को राहत मिली और निफ्टी फार्मा इंडेक्स 4% से ज्यादा चढ़ गया। ग्लैंड फार्मा, अरबिंदो फार्मा और डॉ. रेड्डी लैब्स के शेयरों में 10% तक की बढ़ोतरी हुई। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह छूट भारतीय फार्मा कंपनियों की अमेरिकी बाजार में मजबूत स्थिति दर्शाती है। साथ ही अमेरिका ने चीन, वियतनाम और बांग्लादेश पर ऊंचा टैरिफ लगाया, जिससे भारतीय टेक्सटाइल सेक्टर को फायदा हो सकता है।

2. भारत पर पड़ोसी देशों के मुकाबले कम टैरिफ

अमेरिका ने भारत पर 26% रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है, जो चीन (54%), वियतनाम (46%), बांग्लादेश (37%) और अन्य एशियाई देशों की तुलना में कम है। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे भारतीय निर्यातकों को लाभ मिलेगा। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के अजय श्रीवास्तव ने कहा कि यह भारत के लिए वैश्विक व्यापार और विनिर्माण में अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर है। क्वांटेस रिसर्च के सीईओ कार्तिक जोनागडला के अनुसार, इस टैरिफ का भारत की जीडीपी पर केवल 0.1% असर होगा, जिसे भारतीय अर्थव्यवस्था आसानी से संभाल सकती है।

3. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट

क्रूड ऑयल की कीमतों में 3% तक की गिरावट से भारतीय बाजार को मजबूती मिली। ब्रेंट क्रूड 2.63% गिरकर 72.98 डॉलर प्रति बैरल और WTI क्रूड 2.76% गिरकर 69.73 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। भारत अपनी 85% तेल जरूरतों का आयात करता है, जिससे तेल की कीमतों में गिरावट से आयात बिल घटता है, महंगाई पर नियंत्रण रहता है और आर्थिक स्थिरता बनी रहती है।

4. रुपए में मजबूती

भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.62 पर कारोबार कर रहा था, जो शुरुआती स्तर 85.78 से थोड़ा मजबूत हुआ। ट्रंप के आक्रामक टैरिफ उपायों के कारण निवेशकों ने जापानी येन और स्विस फ्रैंक जैसे सुरक्षित एसेट्स में निवेश किया, जिससे अमेरिकी डॉलर में अस्थिरता आई और रुपये को मजबूती मिली।


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Content Writer

jyoti choudhary

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