Swiss Bank में भारतीयों का पैसा तीन गुना बढ़ा, पढ़ें चौंकाने वाली रिपोर्ट, स्विट्जरलैंड बोला- यह धन...
punjabkesari.in Friday, Jun 20, 2025 - 10:40 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा भारतीयों का धन 2024 में जबरदस्त उछाल के साथ तीन गुना बढ़कर 3.5 अरब स्विस फ्रैंक (लगभग ₹37,600 करोड़) हो गया है। स्विस नेशनल बैंक (SNB) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, यह वृद्धि स्थानीय शाखाओं और अन्य वित्तीय संस्थानों में रखी रकम की वजह से हुई है।
हालांकि, भारतीय ग्राहकों के व्यक्तिगत खातों में जमा राशि केवल 11% बढ़ी है, जो अब 34.6 करोड़ स्विस फ्रैंक (लगभग ₹3,675 करोड़) है। यह कुल जमा राशि का सिर्फ 10% हिस्सा है।
2023 में आई थी भारी गिरावट
बीते साल यानी 2023 में स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा रकम में 70% की गिरावट दर्ज की गई थी और यह 1.04 अरब स्विस फ्रैंक तक सिमट गई थी, जो चार साल का निचला स्तर था। इससे पहले 2021 में यह रकम 3.83 अरब फ्रैंक थी, जो 14 वर्षों में सबसे ज्यादा थी।
2024 की जमा राशि में क्या-क्या शामिल है?
स्विस बैंकों में भारतीयों की 2024 की कुल जमा में शामिल हैं:
- ग्राहक जमा: 34.6 करोड़ स्विस फ्रैंक
- अन्य बैंकों के माध्यम से जमा: 3.02 अरब स्विस फ्रैंक
- न्यास (Trusts) के जरिए: 4.1 करोड़ स्विस फ्रैंक
- बॉन्ड/फाइनेंशियल प्रॉडक्ट्स: 13.5 करोड़ स्विस फ्रैंक
काले धन का इसमें कोई संबंध नहीं
SNB का यह आंकड़ा सिर्फ आधिकारिक जमा को दर्शाता है और कथित काले धन की सही स्थिति नहीं बताता। इसमें उन भारतीयों की रकम शामिल नहीं है, जो तीसरे देशों के माध्यम से नाम छिपाकर निवेश करते हैं।
भारत की रैंकिंग में सुधार
विदेशी जमाकर्ताओं की सूची में भारत की रैंकिंग 2023 में 67वें स्थान से बढ़कर अब 48वें स्थान पर पहुंच गई है। हालांकि यह 2022 के 46वें स्थान से थोड़ा नीचे है।
ब्रिटेन, अमेरिका और वेस्टइंडीज इस सूची में टॉप 3 पर हैं, जबकि भारत अब टॉप 50 में शामिल हो चुका है।
बांग्लादेश में भारी वृद्धि, पाकिस्तान में गिरावट
- बांग्लादेश के निवासियों की जमा राशि 1.8 करोड़ से बढ़कर 58.9 करोड़ स्विस फ्रैंक हो गई।
- पाकिस्तान के नागरिकों की जमा 28.6 करोड़ से घटकर 27.2 करोड़ रह गई।
भारत-स्विट्जरलैंड के बीच मजबूत सहयोग
2018 से भारत और स्विट्जरलैंड के बीच स्वचालित सूचना साझा प्रणाली (AEOI) के तहत हर साल भारतीयों की वित्तीय जानकारी साझा की जाती है। अब तक सैकड़ों मामलों में जांच और सूचनाओं का आदान-प्रदान हो चुका है।