भारत के विनिर्माण क्षेत्र में नए कारोबार और उत्पादन में मामूली वृद्धि: PMI

punjabkesari.in Monday, Sep 02, 2024 - 12:57 PM (IST)

बिजनेस डेस्क. भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर अगस्त में कम हो गई, क्योंकि उत्पादन और बिक्री की वृद्धि जनवरी के बाद से सबसे कम रही। प्रतिस्पर्धी दबाव और मुद्रास्फीति की चिंताओं ने कारोबारी विश्वास को भी प्रभावित किया। यह जानकारी सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में सामने आई।

मौसमी रूप से समायोजित 'एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक' (PMI) अगस्त में 57.5 पर रहा, जो जुलाई में 58.1 था। PMI 50 से ऊपर होने का मतलब है कि उत्पादन गतिविधियों में विस्तार हो रहा है, जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है।

एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) प्रांजुल भंडारी ने कहा- 'अगस्त में भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में विस्तार जारी रहा, लेकिन विस्तार की गति थोड़ी धीमी हो गई। नए ठेकों और उत्पादन में वृद्धि का मुख्य रुझान देखने को मिला, लेकिन कुछ कारोबारियों ने मंदी के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा को एक मुख्य वजह बताया।'

सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में नए कारोबार में तेजी आई, लेकिन विस्तार की गति सात महीने के निचले स्तर पर आ गई। इसी तरह नए निर्यात ऑर्डर भी 2024 के कैलेंडर वर्ष की शुरुआत के बाद से सबसे कम गति से बढ़े।

कीमतों के मोर्चे पर अगस्त में वस्तु उत्पादकों को लागत दबाव में कमी का लाभ मिला। हालांकि, कारोबारी आत्मविश्वास में कमी आई है, जो अप्रैल 2023 के बाद से सबसे कम स्तर पर है। भंडारी ने कहा- 'प्रतिस्पर्धी दबावों और मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं के कारण अगस्त में वर्ष के लिए कारोबारी दृष्टिकोण में थोड़ी नरमी आई है।'

इस बीच शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि अप्रैल-जून 2024-25 में घटकर 6.7 प्रतिशत रह गई, जो 15 महीने में सबसे कम है। इसका मुख्य कारण कृषि और सेवा क्षेत्र का खराब प्रदर्शन था। अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 8.2 प्रतिशत बढ़ा। एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण PMI को एसएंडपी ग्लोबल द्वारा करीब 400 कंपनियों के क्रय प्रबंधकों से पूछे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया गया है।


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Content Editor

Parminder Kaur

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