भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए Online Gaming उद्योग का अहम योगदान, कई क्षेत्रों को बढ़ावा
punjabkesari.in Tuesday, Dec 17, 2024 - 12:57 PM (IST)
नेशनल डेस्क। भारत पिछले दो दशकों में डिजिटल परिवर्तनों के कारण एक बड़ा डिजिटल बाजार बनकर उभरा है। अब देश के पास 70 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं जिससे यह दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते इंटरनेट बाजारों में से एक बन गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत 2025-26 तक 1 लाख करोड़ डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। इस लक्ष्य के लिए देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 18-23 प्रतिशत का योगदान हो सकता है।
ऑनलाइन गेमिंग का अहम योगदान
रिपोर्ट में यह कहा गया है कि ऑनलाइन गेमिंग उद्योग भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस उद्योग में न केवल खेलों का विकास होगा बल्कि यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), कर राजस्व, रोजगार सृजन और फिनटेक जैसे अन्य क्षेत्रों के विकास को भी बढ़ावा देगा। इसके अलावा ऑनलाइन गेमिंग के कारण साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी सुधार होगा। इस प्रकार ऑनलाइन गेमिंग का उद्योग भारत के डिजिटल अर्थव्यवस्था के 1 लाख करोड़ डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने में मददगार साबित हो सकता है।
विविध क्षेत्रों में प्रभाव
भारत का गेमिंग उद्योग केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है। इसका प्रभाव मीडिया, स्वास्थ्य सेवा, विनिर्माण और वाहन जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर भी पड़ रहा है। उदाहरण के लिए गेमिंग तकनीक का इस्तेमाल अन्य उद्योगों के कामकाजी तरीकों में बदलाव लाने के लिए किया जा रहा है जो इन क्षेत्रों को और अधिक प्रतिस्पर्धी और प्रभावी बनाएगा।
फिनटेक क्षेत्र को मिलेगा प्रोत्साहन
भारत का ऑनलाइन गेमिंग उद्योग लगातार बढ़ रहा है और इसकी वजह से फिनटेक (वित्तीय तकनीक) क्षेत्र को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के विकास के लिए सुरक्षित और कुशल डिजिटल भुगतान समाधान की आवश्यकता बढ़ेगी। इससे फिनटेक कंपनियों को नए अवसर मिलेंगे और डिजिटल भुगतान सेवाओं का विकास होगा। इस प्रकार गेमिंग उद्योग की सफलता फिनटेक क्षेत्र के लिए भी फायदेमंद साबित होगी।
कुल मिलाकर भारत का ऑनलाइन गेमिंग उद्योग न केवल डिजिटल मनोरंजन का अहम हिस्सा बन रहा है बल्कि यह देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़े योगदानकर्ता के रूप में उभर रहा है। इस क्षेत्र की बढ़ती लोकप्रियता और विकास से भारत को अपने डिजिटल अर्थव्यवस्था के 1 लाख करोड़ डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।