भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता में सालाना आधार पर 14.2% की वृद्धि, कुल बिजली उत्पादन क्षमता में बढ़ी हिस्सेदारी
punjabkesari.in Thursday, Dec 12, 2024 - 02:05 PM (IST)
नई दिल्लीः नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने नवंबर 2023 से नवंबर 2024 तक भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की सूचना दी है। यह प्रगति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित पंचामृत लक्ष्यों के अनुरूप अपने स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता
नवंबर 2024 तक, कुल गैर-जीवाश्म ईंधन स्थापित क्षमता 213.70 गीगावॉट तक पहुंच गई है, जो पिछले साल के 187.05 गीगावॉट से 14.2% की प्रभावशाली वृद्धि को दर्शाती है। इस बीच, कुल गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता, जिसमें स्थापित और पाइपलाइन दोनों परियोजनाएं शामिल हैं, बढ़कर 472.90 गीगावॉट हो गई, जो पिछले साल के 368.15 गीगावॉट से 28.5% की उल्लेखनीय वृद्धि है।
सौर ऊर्जा बनी अग्रणी
वित्त वर्ष 24-25 के दौरान नवंबर 2024 तक कुल 14.94 गीगावाट नई नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी गई, जो वित्त वर्ष 23-24 में इसी अवधि के दौरान जोड़ी गई 7.54 गीगावाट क्षमता से लगभग दोगुनी है। अकेले नवंबर 2024 में 2.3 गीगावाट नई क्षमता जोड़ी गई, जो नवंबर 2023 में जोड़ी गई 566.06 मेगावाट क्षमता से चार गुना अधिक है। सौर ऊर्जा अग्रणी बनी हुई है, जिसकी स्थापित क्षमता 2023 में 72.31 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 94.17 गीगावाट हो गई है, जो 30.2% की मजबूत वृद्धि है।
पवन क्षमता में 17.4% की वृद्धि
पाइपलाइन परियोजनाओं सहित, कुल सौर क्षमता में 52.7% की वृद्धि हुई, जो 2024 में 261.15 गीगावाट तक पहुंच गई, जबकि 2023 में यह 171.10 गीगावाट थी। पवन ऊर्जा ने भी उल्लेखनीय योगदान दिया, स्थापित क्षमता 2023 में 44.56 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 47.96 गीगावाट हो गई, जो 7.6% की वृद्धि को दर्शाता है। पाइपलाइन परियोजनाओं सहित कुल पवन क्षमता में 17.4% की वृद्धि हुई, जो 2023 में 63.41 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 74.44 गीगावाट हो गई।