भारत, सिंगापुर ने UPI और PayNow को जोड़ने का किया ऐलान, जानिए क्या होंगे फायदे
punjabkesari.in Tuesday, Sep 14, 2021 - 04:35 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भारत और सिंगापुर में अपनी तेज भुगतान प्रणालियों में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और पे नाऊ (PayNow) को आपस में जोड़ने का ऐलान किया है, जिससे उपयोगकर्ता पारस्परिक आधार पर तत्काल और कम लागत के साथ पैसों को ट्रांसफर कर सकें। रिजर्व बैंक और सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण (MAS) ने तेज भुगतान प्रणालियों को जोड़ने के लिए परियोजना की घोषणा की है।
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि जुलाई 2022 तक इसे चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। उसने कहा, “यूपीआई-पे नाऊ (UPI-PayNow) को जोड़ने से दोनों तेज भुगतान प्रणालियों में से प्रत्येक के उपयोगकर्ताओं को दूसरी भुगतान प्रणाली का इस्तेमाल किए बिना पारस्परिक आधार पर तत्काल, कम लागत के साथ पैसों का हस्तातंरण करने की सुविधा मिलेगी।”
रिजर्व बैंक ने कहा कि यह परियोजना भारत और सिंगापुर के बीच सीमा पार भुगतान के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में एक अहम पड़ाव है और यह जी-20 (विकासशील देशों का संगठन) की ज्यादा तेज, सस्ती और अधिक पारदर्शी सीमा पार भुगतानों को बढ़ावा देने संबंधी वित्तीय समावेशन प्राथमिकताओं के साथ करीब से जुड़ा हुआ है। UPI भारत में उपयोग होने वाला मोबाइल आधारित फास्ट पेमेंट सिस्टम है। इसमें यूजर को एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) दिया जाता है जिसके जरिए वह चौबीसों घंटे कहीं भी फंड ट्रांसफर कर सकता है।
क्या करता है UPI
यूपीआई का काम पर्सन टू पर्सन (P2P) और पर्सन टू मर्चेंट (P2M) पेमेंट पर आधारित है। यह यूजर को पैसा रिसीव करने की भी सुविधा देता है यानी कि जिस यूपीआई से पैसे भेजते हैं, उसी यूपीआई पर पैसे ले भी सकते हैं। यूपीआई की तरह सिंगापुर का पेनाऊ पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सर्विस देता है। इसमें यूजर किसी दूसरे पेयी को फंड ट्रांसफर करने की सुविधा देता है। इसमें पेयी या पैसे भेजने वाले को बैंक अकाउंट डिटेल दिए बिना मोबाइल नंबर या एनआरआईसी, एफआईएन या यूईएन के जरिए फंड ट्रांसफर किया जाता है। पेनाऊ 9 बैंक और 3 गैर-वित्तीय संस्थाओं को अपने सिस्टम पर सपोर्ट करता है।