भारत की फूड प्रोसेसिंग PLI योजना से रोजगार और निवेश में बढ़ोतरी

punjabkesari.in Monday, Dec 09, 2024 - 12:44 PM (IST)

नई दिल्ली: फूड प्रोसेसिंग उद्योग के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत 31 अक्टूबर तक 2.89 लाख से अधिक नौकरियों का सृजन हुआ है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि इस योजना के लाभार्थियों द्वारा रिपोर्ट किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश के 213 स्थानों पर 8,910 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है।

फूड प्रोसेसिंग उद्योग के लिए पीएलआई योजना (PLISFPI) को केंद्रीय कैबिनेट ने 31 मार्च 2021 को 10,900 करोड़ रुपए के बजट के साथ मंजूरी दी थी। यह योजना 2021-22 से 2026-27 तक लागू की जानी है। मंत्रालय के अनुसार, इस योजना के तहत 171 आवेदकों को नामांकित किया गया है। लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया एक बार की गई थी, जिसमें व्यापक प्रचार-प्रसार और हितधारकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई।

मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत निर्मित उत्पादों में घरेलू रूप से उगाई गई कृषि सामग्री (जैसे एडिटिव्स, फ्लेवर और खाद्य तेलों को छोड़कर) का उपयोग अनिवार्य किया गया है। इससे स्थानीय कच्चे माल की खरीददारी में वृद्धि हुई है, जो ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के साथ-साथ किसानों की आय के लिए लाभकारी साबित हो रहा है।

मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि स्थानीय कच्चे माल के उपयोग पर जोर देने से ग्रामीण क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है। यह योजना घरेलू निर्माण को बढ़ाने, मूल्य संवर्धन में सुधार करने, कच्चे माल के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

केंद्र सरकार छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) को फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY), PLISFPI और प्रधानमंत्री माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (PMFME) जैसी योजनाओं के माध्यम से वित्तीय, तकनीकी और विपणन सहायता प्रदान कर रही है।

पीएलआई योजना के तहत लाभार्थियों को ब्रांडिंग और विदेशी बाजार में मार्केटिंग पर किए गए खर्च का 50 प्रतिशत तक पुनर्भरण दिया जाता है, जो उनकी वार्षिक खाद्य उत्पाद बिक्री का 3 प्रतिशत या 50 करोड़ रुपए प्रति वर्ष (जो भी कम हो) तक सीमित है। इस योजना के तहत पात्रता के लिए, लाभार्थियों को पांच वर्षों में कम से कम 5 करोड़ रुपए खर्च करने की आवश्यकता है। मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान में इस योजना के इस घटक के तहत 73 लाभार्थी शामिल हैं।
 


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Content Writer

jyoti choudhary