भारत की पहली ''इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम'' को उद्योग जगत का समर्थन

punjabkesari.in Saturday, Mar 29, 2025 - 01:53 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत सरकार ने शुक्रवार को देश की पहली इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य नॉन-सेमीकंडक्टर (पैसिव) कंपोनेंट्स के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है। उद्योग जगत ने इस योजना का स्वागत किया और इसे रोजगार, आर्थिक विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने वाला कदम बताया।

22,919 करोड़ रुपए की स्कीम से होगा बड़ा निवेश

केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत ₹22,919 करोड़ का फंड आवंटित किया है, जिससे ₹59,350 करोड़ का निवेश आकर्षित होने और ₹4,56,500 करोड़ के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इससे 91,600 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है, साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से भी हजारों नौकरियां सृजित होंगी।

6 साल की अवधि, 1 साल की वेटिंग पीरियड

यह स्कीम 6 साल के लिए लागू की गई है, जिसमें 1 साल का गेसटेशन पीरियड (आरंभिक तैयारी का समय) शामिल है।

घरेलू उत्पादन बढ़ेगा, आयात पर निर्भरता घटेगी

इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट निर्माताओं की संस्था एलसीना (Elcina) के अनुसार, भारत में नॉन-सेमीकंडक्टर कंपोनेंट्स का उत्पादन 2022 में 13 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो 2026 तक 20.7 बिलियन डॉलर और 2030 तक 37 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, इस क्षेत्र में 248 बिलियन डॉलर के घाटे का सामना करना पड़ सकता है, जिसे आयात के माध्यम से पूरा किया जा रहा है।

एलसीना ने सरकार से ₹72,500 करोड़ की सहायता मांगी थी ताकि ₹12.36 लाख करोड़ के घाटे को कम किया जा सके।

एलसीना: 'यह गेम-चेंजर स्कीम साबित होगी'

एलसीना के महासचिव राजू गोयल ने इस योजना को "गेम-चेंजर" करार दिया। उन्होंने कहा कि यह पहल "इंडिया को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित करेगी"।

"इस योजना में पैसिव कंपोनेंट्स, SMD और नॉन-SMD के लिए खास प्रोत्साहन दिए गए हैं। यह घरेलू आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेगा और हमारी वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बेहतर बनाएगा।"

HCL के फाउंडर अजय चौधरी ने सराहा

HCL के फाउंडर और EPIC फाउंडेशन के चेयरमैन अजय चौधरी ने कहा कि यह योजना भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में वैल्यू एडिशन को बढ़ाने और सिस्टम प्रोडक्ट्स में अधिक निवेश आकर्षित करने में मदद करेगी।

"हम लंबे समय से इस तरह की योजना की मांग कर रहे थे। यह स्कीम नए स्टार्टअप्स और कंपनियों को डिजाइन और निर्माण में प्रेरित करेगी। यह रोजगार को भी बढ़ावा देगी और भारत को एक इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद निर्माण हब बनाएगी।"

इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में जबरदस्त ग्रोथ

भारत में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का उत्पादन

  • 2014-15 में ₹1.90 लाख करोड़
  • 2023-24 में ₹9.52 लाख करोड़
  • CAGR: 17% से अधिक

इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट ग्रोथ

  • 2014-15 में ₹0.38 लाख करोड़
  • 2023-24 में ₹2.41 लाख करोड़
  • CAGR: 20% से अधिक

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Content Writer

jyoti choudhary

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