कार को टैक्सी बनाएंगे तो बीमा का दावा गंवाएंगे, बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी

punjabkesari.in Thursday, Jul 18, 2024 - 11:33 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः बीमा कंपनियां वाहन बीमा दावों की प्रक्रिया सरल बनाने की कोशिश कर रही हैं। एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस ने हाल ही में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के जरिये गाड़ी के निरीक्षण की तकनीक को व्हाट्सऐप चैटबॉट में डाल दिया। इससे ग्राहक 20,000 रुपए तक के मामूली नुकसान के लिए होने वाले दावे तुरंत निपटा लेंगे। पॉलिसीबाजार ने क्लेम एश्योरेंस प्रोग्राम शुरू किया, जिसमें ग्राहकों को उनके दावे के लिए खास क्लेम मैनेजर मिलेगा और गाड़ी को नेटवर्क के गैराज तक ले जाने की सुविधा भी दी जाएगी।

कंपनियां तो यह सब कर रही हैं मगर ग्राहकों को भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। उन बातों का ध्यान रखना और उनसे बचना बहुत जरूरी है, जिनकी वजह से उनके दावे खारिज हो सकते हैं।

दावे खारिज होने के बड़े कारण

यदि कोई पॉलिसीधारक अपनी पॉलिसी से बेजा फायदा लेने के लिए फर्जी दावा करता है तो बीमा कंपनी उसे खारिज कर देगी। एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस में निदेशक और चीफ बिजनेस ऑफिसर पार्थनील घोष कहते हैं, ‘अगर दावा पॉलिसी की जोखिम अवधि खत्म होने के बाद किया गया है तो कंपनी उसे खारिज कर देगी।’

वाहन बीमा वाहनों की खास श्रेणियों के लिए बेचा जाता है। अगर आप निजी कार के लिए बीमा ले रहे हैं तो आपसे निजी इस्तेमाल के हिसाब से ही प्रीमियम वसूला जाएगा। एको इंश्योरेंस के चीफ अंडरराइटिंग ऑफिसर अनिमेष दास समझाते हैं, ‘अगर आप अपनी कार को टैक्सी की तरह इस्तेमाल करते है और दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं तो आपका दावा नहीं माना जाएगा।’

थर्ड पार्टी बीमा के बगैर गाड़ी चलाने पर भी दावे खारिज हो सकते हैं। पॉलिसीबाजार डॉट कॉम में हेड (मोटर इंश्योरेंस रीन्यूअल्स, क्लेम्स ऐंड कस्टमर एक्सपीरिएंस) संदीप सराफ का कहना है, ‘मोटर यान अधिनियम के मुताबिक हरेक ग्राहक के पास वैध थर्ड पार्टी बीमा होना चाहिए। अगर ग्राहक उसके बगैर दावा करता है तो खारिज कर दिया जाएगा।’

वाहनों को मोटर यान अधिनियम का पालन करते हुए सार्वजनिक सड़कों पर ही चलाया जाना चाहिए। घोष का कहना है, ‘अगर रजिस्ट्रेशन के बगैर या शराब पीकर या वैध लाइसेंस के बगैर गाड़ी चलाते हैं तो भी आपका दावा खारिज हो सकता है।’

अगर आप नो क्लेम बोनस की गलत जानकारी देते हैं और प्रीमियम कम करा लेते हैं तो भी आपका दावा खारिज हो सकता है। इसे महत्त्वपूर्ण तथ्यों की गलत जानकारी देना माना जाएगा और दावा नहीं माना जाएगा।

क्या नहीं होता बीमा में?

यदि ग्राहक के पास केवल थर्ड पार्टी बीमा है तो उसकी कार को हुए नुकसान की भरपाई बीमा के जरिये नहीं की जाएगी। सराफ बताते हैं कि दुर्घटना में किसी अन्य व्यक्ति या दूसरों की संपत्ति को हुए नुकसान की ही भरपाई हो सकेगी। जिन ग्राहकों के पास कॉम्प्रिहेंसिव (थर्ड पार्टी और ओन डैमेज) बीमा है, उनके दावे भी कुछ मामलों में खारिज हो सकते हैं। दास बताते हैं, ‘अगर दुर्घटना में कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और आपके पास स्टैंडर्ड बीमा पॉलिसी है तो बीमा कंपनी पूरा बिल नहीं चुकाएगी। वह डेप्रिसिएशन करेगी यानी आपको पूरे बिल का 25-30 फीसदी अपनी जेब से चुकाना पड़ सकता है।’

गाड़ी का आम रखरखाव या चलाते समय पुर्जों का घिसना आदि भी बीमा की जद में नहीं आता। पानी भरी सड़क में गाड़ी चलाने पर भी दावे खारिज हो जाते हैं। दास आगाह करते हैं, ‘अगर आप ऐसे इलाके में कार चला रहे हैं, जहां पानी भरा है और पानी आपके इंजन में घुसकर उसे जाम कर देता है तो स्टैंडर्ड बीमा पॉलिसी आपके किसी काम नहीं आएगी। आपका दावा तभी माना जाएगा, जब आपके पास इंजन प्रोटेक्ट ऐड-ऑन होगा।’

बरतें एहतियात

यातायात के नियमों का उल्लंघन करने से बचें। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड में हेड (कॉरपोरेट अंडरराइटिंग ऐंड क्लेम्स) गौरव अरोड़ा कहते हैं, ‘यातायात को अनदेखा करना, तेज गति में चलाना, ओवरटेक करना, गलत साइड पर गाड़ी चलाना और क्षमता से ज्यादा लोगों को गाड़ी में भरना ऐसी चूक हैं, जिनसे बचना चाहिए।’ उनकी सलाह है कि ऐसे किसी व्यक्ति को अपनी गाड़ी न चलाने दें, जिसके पास वैध लाइसेंस नहीं है।

सराफ हादसा होते ही हरकत में आने की सलाह देते हैं। वह कहते हैं कि दुर्घटना होने के 24 से 72 घंटों के भीतर इसकी जानकारी बीमा कंपनी को दे देनी चाहिए।

अगर आप वाहन में बदलाव करते हैं मसलन उसमें सीएनजी किट लगाते हैं तो बीमा कंपनी को जरूर बता दें। सराफ कहते हैं, ‘जो भी बदलाव किए गए हैं, वे गाड़ी के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) में चढ़वाने चाहिए और बीमा कंपनी को भी इसके बारे में इत्तिला करना चाहिए।’

गलत जानकारी देने से भी बचें। गाड़ी को पहले हुए नुकसान का दावा इस बार के नुकसान के साथ करने की कोशिश भी नहीं होनी चाहिए। बीमा कंपनी को बताए बगैर मरम्मत शुरू मत कराइए क्योंकि हो सकता है दावा मंजूर करने से पहले वह किसी को भेजकर दिखवाए कि वाकई आपकी कार को बताया गया नुकसान हुआ है या नहीं। दास कहते हैं कि दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुई कार को चलाकर न ले जाएं। उसके बजाय क्रेन के जरिये उसे सर्विस सेंटर तक पहुंचवाएं। अरोड़ा की राय में कॉम्प्रिहेंसिव वाहन बीमा खरीदना चाहिए और उसके साथ रोड साइड असिस्टेंस, रिटर्न टु इनवॉयस, इंजन प्रोटेक्ट, जीरो डेप्रिसिएशन जैसे ऐड-ऑन जरूर ले लेने चाहिए।


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Content Writer

jyoti choudhary

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