आईबीएम ने 300 लोगों को दिखाया बाहर का रास्ता

punjabkesari.in Tuesday, May 14, 2019 - 02:16 PM (IST)

नई दिल्लीः विश्व की दिग्गज आईटी सेवा प्रदाता कंपनी में शुमार आईबीएम ने अपनी भारतीय इकाई से 300 लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यह सभी लोग सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और कंपनी के सेवा विभाग में काम करते हैं। हालांकि इसके पीछे कंपनी का तर्क यह है कि इनके अंदर नई प्रौद्योगिकी के अनुसार कौशल नहीं है। 

सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने इन कर्मचारियों को किसी भी तरह का नोटिस नहीं दिया है। कंपनी ने कहा है कि ऐसा इसलिए किया है ताकि वो अपने ग्राहकों के मुताबिक काम कर सके। जिन कर्मचारियों को कंपनी ने बाहर का रास्ता दिखाया है वो फिलहाल पुरानी टेक्नोलॉजी पर ही काम कर रहे थे और उन्होंने वक्त के साथ अपने काम करने के तरीकों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया था। 

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा है कि आईबीएम अब क्लाउड, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य प्रौद्योगिकी पर ध्यान दे रही है। हालांकि इसमें केवल कुछ ही कर्मचारियों को दक्षता हासिल है। ऐसे में कंपनी अपनी तरफ से भी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रही है, लेकिन इनकी संख्या काफी कम है। कंपनी ने यह कदम केवल भारत में उठाया है। 

भारतीयों में है कौशल की कमी
दुनिया की दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी आईबीएम की प्रमुख गिन्नी रोमेट्टी ने कहा कि भारतीयों में नए जमाने की नौकरियों के लिए जरूरी कौशल की कमी है। इस कारण उन्हें नौकरियां नहीं मिल रही हैं, जबकि नए जमाने के रोजगार अधिक मात्रा में पैदा हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुल 180 अरब डॉलर के घरेलू सॉफ्टवेयर उद्योग में प्रत्यक्ष रूप से 40 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। आईबीएम की चेयरमैन, अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी रोमेट्टी ने कहा कि यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक समस्या है।

कंपनी के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने बुधवार को कहा कि भारत में वही परेशानियां हैं। यहां नई नौकरियों का सृजन हो रहा है लेकिन उनके अनुरूप काबिलियत या कौशल नहीं है।


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jyoti choudhary

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