सोने चाँदी की क़ीमतों में भारी गिरावट, भारत में शादियों में सस्ता मिलेगा गोल्ड!
punjabkesari.in Friday, Jul 19, 2024 - 10:11 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः वैश्विक बाजार में सोने चांदी कीमतों मे बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। अमेरिकी डॉलर में आई तेजी की वजह से सोने की कीमतों में शुक्रवार को 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। सोने की कीमतें इस हफ्ते अपने अब तक के सर्वकालिक स्तर पर पहुंच गई थीं। इसके बाद एक बार फिर सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। सोने की कीमतों में गिरावट आने के बाद कारोबारियों ने बिकवाली शुरू कर दी है। भारतीय बाजार में इसका असर सोमवार को देखने को मिलेगा। सोने की कीमतों में आई गिरावट के बाद सितंबर में होने वाली फेडरल रिजर्व बैंक की बैठक में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। शादी के लिए सोना खरीदने वालों के लिए आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में और गिरावट आने की संभावना है।
ताजा रुझानों के मुताबिक, हाजिर सोना 2.1% गिरकर $2,404.90 प्रति औंस पर आ गया। बुलियन ने बुधवार को $2,483.60 का सर्वकालिक उच्च स्तर छुआ। अमेरिकी सोने का वायदा लगभग 2.2% गिरकर $2,403.70 पर आ गया। अमेरिकी डॉलर 0.1% बढ़ा, जबकि बेंचमार्क 10-वर्षीय ट्रेजरी यील्ड में भी बढ़ोतरी हुई, जिससे बुलियन पर दबाव पड़ा। वहीं, चांदी लगभग 3% गिरकर $29.17 प्रति औंस पर आ गई। प्लैटिनम 0.2% गिरकर $965.90 पर आ गया, जबकि पैलेडियम 1.2% गिरकर $918.93 पर आ गया।
इससे पहले राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोना 750 रुपये की गिरावट के साथ 75,650 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। इसके साथ सोने में पिछले छह कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर विराम लग गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 76,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इस बीच, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 800 रुपये घटकर 75,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा। बृहस्पतिवार को यह 76,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी की कीमत भी 1,000 रुपये टूटकर 93,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर रही। पिछले कारोबारी सत्र में 94,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर रही थी।
सूत्रों ने सोने की कीमतों में गिरावट का कारण वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख तथा देश में आभूषण विक्रेताओं की मांग में आई गिरावट को बताया। विदेशी बाजार कॉमेक्स में सोना शुक्रवार को लगातार तीसरे सत्र में गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था, जो चार महीने के निचले स्तर से डॉलर में आये सुधार और अमेरिकी 10-वर्षीय बांड प्रतिफल में वृद्धि के कारण दबाव में था।''