देश भर में सोने की हॉलमार्किंग होगी अनिवार्य, सरकार ने दी मंजूरी

punjabkesari.in Saturday, Oct 05, 2019 - 10:57 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग जल्दी ही पूरे देश में अनिवार्य हो जाएगी। वाणिज्य मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कहा कि जल्द ही इसके लिए अधिसूचना को जारी किया जाएगा। हालांकि इसे जारी करने से पहले विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से इसकी मंजूरी ली जाएगी। उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को ये जानकारी दी। तय प्रक्रिया के मुताबिक, विश्व व्यापार संगठन के वैश्विक व्यापार नियमों के अनुसार, एक सदस्य देश को जिनेवा-आधारित बहुपक्षीय निकाय के साथ किसी गुणवत्ता नियंत्रण आदेश को अधिसूचित करना होता है और इस प्रक्रिया में लगभग दो महीने का समय लगता है। 

PunjabKesari

अभी देश में सोने के जेवरातों पर हॉलमार्किंग करना स्वैच्छिक है। नियम के लागू हो जाने के बाद सभी ज्वैलर्स को इन्हें बेचने से पहले हॉलमार्किंग लेना अनिवार्य हो जाएगा। अभी तक देश में स्वर्ण आभूषणों में सोने की गुणवत्ता को लेकर कोई कसावट नहीं है। ऐसे में अनजान ग्राहकों को कई मौकों पर 22 कैरेट की बजाय 21 या अन्य अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों से कम कैरेट का सोना बेच दिया जाता है, जबकि दाम उनसे अच्छी गुणवत्ता वाले सोने के वसूले जाते हैं।

PunjabKesari

हॉलमार्किंग के सही ना होने की स्थिति में उन्हें पहले चरण में नोटिस जारी किया जाएगा। मौजूदा नियमों में हॉलमार्किंग केंद्र खोलने के लिए स्वर्णकारों को 10,000 रुपए का शुल्क देना होगा। यह केंद्र हरेक आभूषण पर 35 रुपए का शुल्क लेता है। 

PunjabKesari

हॉलमार्किंग के केवल 800 केंद्र
मौजूदा समय में, देश भर में लगभग 800 हॉलमार्किंग केंद्र हैं और केवल 40 फीसदी आभूषणों की हॉलमार्किग की जाती है। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) द्वारा हॉलमार्क गोल्ड ज्वेलरी पर यह निशान होता है। इससे यह पता चलता है कि लाइसेंसधारक लैब में सोने की शुद्धता की जांच की गई है। भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक देश है, जो मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करता है। भारत प्रति वर्ष 700-800 टन सोने का आयात करता है।

बीआईएस की वेबसाइट के मुताबिक यह देश में एकमात्र एजेंसी है जिसे सोने के गहनों की हॉलमार्किंग के लिए सरकार से मंजूरी प्राप्त है।  बीआईएस के मुताबिक फिलहाल तीन स्तरों 22 कैरेट, 18 कैरेट और 14 कैरेट के लिए हॉलमार्किंग की जाती है।ज्वेलरी पर विक्रेता की पहचान भी अंकित होती है। यह बीआईएस से सर्टिफाइड ज्वेलर या ज्वेलरी बनाने वाले का हो सकता है। बीआईएस की वेबसाइट पर सर्टिफाइड ज्वेलर्स की लिस्ट मौजूद है।

क्या होती है हॉलमार्किंग
हॉलमार्किंग से जूलरी में सोने कितना लगा है और अन्य मेटल कितने है इसके अनुपात का सटीक निर्धारण एवं आधिकारिक रिकॉर्ड होता है। नए नि‍यमों के तहत अब सोने की जूलरी की हॉल मार्किंग होना अनि‍वार्य होगा। इसके लि‍ए ज्‍वैलर्स को लाइसेंस लेना होगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News