पांच अक्टूबर को होगी जीएसटी काउंसिल की मीटिंग, हो सकते हैं ये फैसले

punjabkesari.in Saturday, Oct 03, 2020 - 05:22 PM (IST)

नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल (GST Council) की 42वीं बैठक पांच अक्टूबर को होने वाली है। इस बार बैठक में केंद्र द्वारा उधार लेने के दोनों विकल्प पर विस्तृत बातचीत होगी। केंद्र सरकार ने फंड की कमी के बीच राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए उधार के लिए दो विकल्प दिए थे। सूत्रों की मानें तो काउंसिल इन दोनों विकल्प पर एक बार फिर से चर्चा करेगा। वहीं, आयुर्वेदिक हैंड सैनिटाइजर पर जीएसटी दरें घटाने पर भी चर्चा हो सकती है।

बता दें कि इससे पहले 27 अगस्त को हुई 41वीं बैठक में केंद्र सरकार ने जीएसटी कलेक्शन में कमी के बीच भरपाई करने के लिए राज्यों को दो विकल्प दिए थे। पहले विकल्प में राज्य राज्य 0.5 फीसदी की दर से 97,000 करोड़ रुपये उधार ले लें। दूसरे विकल्प में राज्यों को कुल 2.35 लाख करोड़ रुपये उधार लेने की बात कही गई थी। कई बड़े मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। 

जानें कितना फंड मिला
केंद्र सरकार के अनुसार, जुलाई 2017 से लेकर अगस्त 2020 तक जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर के तौर पर 2,96,465 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। इसमें से राज्यों को 2,81,373 करोड़ रुपये जारी किए गए। केंद्र सरकार के पास फंड में केवल 5,092 करोड़ रुपये जमा हैं, जिसे राज्यों को जारी किया जाना बाकी है।

आयुर्वेदिक हैंड सैनिटाइजर पर जीएसटी घटाने पर चर्चा
इस बार बैठक में आयुर्वेदिक हैंड सैनिटाइजर बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं पर जीएसटी दर घटाने पर भी चर्चा हो सकती है। इस बारे में हरियाणा आयुर्वेदिक ड्रग्स मैन्युफैक्चरर्स  एसोसिएशन ने वित्त मंत्रालय से सिफारिश की है। इस पर फिटमेंट कमेटी का कहना है कि आयुर्वेदिक या एल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर में कोई अंतर नहीं करना चाहिए। कमेटी ने इसपर कोई अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल पर छोड़ा है।

जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि बढ़ सकती
सूत्रों के मुताबिक जीएसटी क्षतिपूर्ति फंड की कमी को देखते हुए इसे 2022 से बढ़ाकर 2024 तक किया जा सकता है। केंद्र सरकार इसे लेकर काउंसिल के सामने प्रस्ताव रखने वाली है। जीएसटी क्षतिपूर्ति कानून 2017 में संशोधन के लिए केंद्र सरकार ड्राफ्ट तैयार करेगी। इस कानून के तहत जीएसटी लागू किए जाने के पहले 5 साल तक राज्यों को एक तय फॉमुर्ला के तहत उनके राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी। 

राज्यों के राजस्व स्थिति पर चर्चा
वहीं, बैठक में राज्यों के मौजूदा राजस्व स्थिति को भी पेश किया जाएगा। अप्रैल से अगस्त के बीच औसतान राजस्व का अंतर करीब 56 फीसदी तक बढ़ चुका है। बीते वर्ष 2019 में यह राजस्व 56 फिसदी था। नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) के हालिया रिपोर्ट के बाद इस आंकड़े की अहमियत बढ़ जाती है। सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने राज्यों की क्षतिपूर्ति के लिए 47,272 करोड़ रुपये किसी अन्य जगह खर्च कर दिया है। सीएजी ने इस जीएसटी क्षतिपूर्ति कानून 2017 का उल्लंघन बताया था।


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rajesh kumar

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