सरकारी बैंकों को कर्मचारियों की कमी की समस्या से निपटने को तैयार रहना होगा: संसदीय समिति

punjabkesari.in Sunday, Jan 06, 2019 - 04:09 PM (IST)

नई दिल्लीः देश में सार्वजनिक क्षेत्र बैंकों को निकट भविष्य में भारी संख्या में कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के कारण लोगों की कमी से निपटने के के लिए कनिष्ट और बीच के पदों पर तेजी से नयी नियुक्तियां करने की जरूरत है। संसद की एक समिति ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी बैंकों में महाप्रबंधक स्तर के 95 प्रतिशत, उप महाप्रबंधक स्तर के 75 प्रतिशत और अतिरिक्त महाप्रबंधक स्तर के 58 प्रतिशत कर्मचारी 2019-20 में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

वित्तीय मामलों की स्थायी समिति ने बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान के आंकडों के आधार पर पाया है कि सरकारी बैंकों में लिपिक, प्रोबेशनरी ऑफिसर तथा विशिष्ट अफसरों के पद पर नए लोग की नियुक्त के लिए अभियार्थियों की संख्या में स्पष्ट गिरावट दिख रही है। 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम. वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले सप्ताह संसद में पेश रिपोर्ट में कहा, ‘‘समिति का मानना है कि बैंकों द्वारा नियुक्तियों में कमी करना भी एक कारक है लेकिन बिना किसी प्रोत्साहन के विपरीत परिस्थितियों में लंबे समय तक काम करने की बाध्यता से भी उम्मीदवार हतोत्साहित हो रहे हैं।’’ समिति ने आशंका व्यक्त की है कि सरकारी बैंकों में निकट भविष्य में भारी संख्या में लोगों के सेवानिवृत्त होने से विभिन्न स्तरों पर अचानक से लोगों की कमी हो सकती है। 


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jyoti choudhary

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