सरकार और LIC मिलकर बढ़ाएंगे IDBI बैंक की पूंजी, मिलेगा 9000 करोड़ रुपए का राहत पैकेज

punjabkesari.in Tuesday, Sep 03, 2019 - 03:54 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः 10 सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने IDBI बैंक को लेकर बड़ा फैसला किया है। कैबिनेट ने IDBI बैंक को 9257 करोड़ रुपए का पैकेज देने को मंजूरी दे दी है। IDBI बैंक को LIC 4700 करोड़ देगी और सरकार 4557 करोड़ देगी। साथ ही, कैबिनेट ने इथेनॉल (Ethanol) की कीमतों में बढ़ोतरी पर भी फैसला लिया है। मोदी सरकार कैबिनेट (Cabinet Decision) ने इथेनॉल की बढ़ी कीमतों को मंजूरी दे दी है।

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IDBI बैंक को मिलेगा 9257 करोड़ रुपए का राहत पैकेज
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया है कि कैबिनेट बैठक में IDBI बैंक को 9257 करोड़ रुपए देने को मंजूरी मिल गई है। IDBI बैंक में सरकार 4557 करोड़ रुपए देगी और LIC 4743 करोड़ रुपए देगी। उन्होंने बताया कि सरकार बैंकिंग सेक्टर को बेहतर बनाने के लिए तेजी से कदम उठा रही है।

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आपको बता दें कि देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी ही आईडीबीआई बैंक की मालिक है। सरकार ने सभी सरकारी बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपए की पूंजी देने का ऐलान किया था। बैंक को लगातार 11 तिमाही से नुकसान हो रहा है। आईडीबीआई बैंक में 46.5 फीसदी हिस्सा सरकार का, 51 फीसदी एलआईसी का और 2.5 फीसदी हिस्सा आम जनता का है।

आपको बता दें कि पिछले हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 सरकारी बैंकों के विलय का ऐलान किया। उन्होंने हुए कहा कि आने वाले समय में सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों को मर्ज करके चार बड़े बैंक बनाए जाएंगे। पंजाब नैशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का आपस में विलय किया जाएगा, जिससे देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक तैयार होगा और जिनका बिजनेस 17.95 लाख करोड़ का होगा।

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इथेनॉल को लेकर हुआ बड़ा फैसला
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि गन्ना किसानों की मदद के लिए सरकार ने इथेनॉल को लेकर बड़ा फैसला किया है। ये फैसला किसानों के लिए बड़ा मददगार होगा। सरकार के इस फैसले से चीनी के भारी स्टॉक की समस्या को निपटाने और किसानों का बकाया भुगतान करने में मदद मिलेगी।

इस कदम से चीनी मिलों को गन्ना किसानों का बकाया चुकाने में मदद मिलेगी। एथनॉल को पेट्रोल में मिलाने से कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता घटेगी। आपको बता दें कि इस बार गन्ने के एफआरपी में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। ऐसे में सरकार इथेनॉल की कीमतें बढ़ाकर कंपनियों और किसानों की मदद करना चाहती है।
 


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jyoti choudhary

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