Goldman Sachs का ऑयल प्राइस अलर्ट, भारत के लिए राहत, दुनिया के लिए खतरे की घंटी
punjabkesari.in Tuesday, Apr 08, 2025 - 12:35 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक ने दुनिया भर के निवेशकों को आगाह किया है कि अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था और ऊर्जा बाजारों की स्थिति और बिगड़ती है, तो ब्रेंट क्रूड की कीमतें 2026 के अंत तक $40 प्रति बैरल से नीचे जा सकती हैं। यह पूर्वानुमान किसी सामान्य स्थिति का नहीं, बल्कि एक "एक्सट्रीम सिनेरियो" (बेहद खराब परिस्थिति) पर आधारित है। भारत जैसे देशों के लिए यह राहत की खबर हो सकती है लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए यह खतरे की घंटी भी है।
क्या है रिपोर्ट में?
गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट "How Low Could Oil Prices Go?" के अनुसार, यदि दो स्थितियां एक साथ सामने आती हैं:
- वैश्विक स्तर पर मंदी (Global Recession)
- OPEC+ देशों द्वारा उत्पादन में ढील या कटौती को पूरी तरह खत्म कर देना
- तो तेल की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिल सकती है।
हालांकि यह बैंक का मुख्य अनुमान नहीं है लेकिन यह चेतावनी निवेशकों और नीति-निर्माताओं के लिए सतर्क रहने का संकेत है।
ब्रेंट क्रूड की मौजूदा स्थिति
वर्तमान में ब्रेंट क्रूड की कीमतें चार साल के निचले स्तर पर हैं और मंगलवार को यह $65.05 प्रति बैरल के आसपास कारोबार करता देखा गया।
वैश्विक परिदृश्य: क्या है दबाव की वजह?
- डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक टैरिफ नीति और वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका से मंदी का डर गहराया है।
- OPEC+ देशों ने हाल ही में उत्पादन बढ़ाया है, जो बाजार पर अतिरिक्त आपूर्ति का दबाव बना रहा है।
- अन्य प्रमुख बैंक जैसे मॉर्गन स्टेनली और सोसाइटी जनरल भी कीमतों को लेकर अपने अनुमान नीचे कर चुके हैं।
भारत को क्या फायदा?
भारत, जो विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है, के लिए यह स्थिति राहत लेकर आ सकती है। सस्ते कच्चे तेल के कारण:
- पेट्रोल-डीजल के दाम घट सकते हैं
- महंगाई पर नियंत्रण पाया जा सकता है
- राजकोषीय घाटा नियंत्रित हो सकता है
- रुपया मजबूत होने की संभावना बढ़ेगी
किसे होगा नुकसान?
- तेल निर्यातक देश जैसे सऊदी अरब को राजस्व में बड़ी गिरावट झेलनी पड़ सकती है
- तेल कंपनियों के मुनाफे पर दबाव बढ़ेगा
- वैश्विक बाजारों में अस्थिरता और निवेशकों की चिंता गहरा सकती है