जर्मन चांसलर Olaf Scholz का भारत दौरा, 4.5 लाख करोड़ के निवेश की उम्मीद
punjabkesari.in Thursday, Oct 24, 2024 - 12:34 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स गुरुवार को भारत के दौरे पर आ रहे हैं। जर्मनी का अनुमान है कि भारत में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने से अगले छह वर्षों में जर्मन कंपनियों का निवेश 4.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है, जो वर्तमान में दोगुना होगा। जर्मन कंपनियों को कारों से लेकर लॉजिस्टिक्स तक भारत के तेज़ आर्थिक विकास से काफी उम्मीदें हैं।
जर्मन चेंबर ऑफ कॉमर्स के विदेशी व्यापार प्रमुख वोल्कर ट्रायर ने बताया कि 2022 में भारत में जर्मनी का प्रत्यक्ष निवेश 27 अरब डॉलर (लगभग 2.27 लाख करोड़ रुपए) था, जो चीन में उसके निवेश का लगभग 20% है। उनका मानना है कि यह हिस्सेदारी 2030 तक 40% तक पहुंच सकती है। ट्रायर ने कहा, "हम चीन से पूरी तरह बाहर नहीं जाएंगे लेकिन भारत साल दर साल जर्मन कंपनियों के लिए अधिक महत्वपूर्ण बनता जाएगा।" इस दौरे के दौरान जर्मनी के उद्योग जगत को भारत में निवेश के नए अवसरों की तलाश है, जो कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूत कर सकता है।
82% जर्मन कंपनियों को उम्मीद है कि भारत में उनकी आय तेजी से बढ़ेगी
- भारत का बाजार बड़ा है, आर्थिक विकास दर दुनिया में सबसे अधिक है, श्रमिकों की कोई कमी नहीं है और उत्पादन लागत यूरोप से कम है।
- 82% जर्मन कंपनियों को उम्मीद है कि अगले पांच साल में भारत में उनकी आय तेजी से बढ़ेगी। ये ग्रोथ यूरोप और चीन से ज्यादा होगी।
- 59% कंपनियां फिलहाल भारत में अपनी निवेश योजनाओं को विस्तार दे रही हैं, 2021 में ऐसी जर्मन कंपनियां सिर्फ 36 फीसदी थीं।
इस साल जर्मन कंपनियों ने भारतीय फर्मों के साथ कई बड़े समझौते किए हैं
- जर्मन इंजन कंपनी डॉयट्ज ने भारत की मोटर कंपनी टैफे के साथ करार किया है। टैफे मोटर्स डॉयट्ज के 30 हजार इंजन लाइसेंस के तहत बनाएगी।
- जर्मनी की लॉजिस्टिक्स कंपनी डीएचएल 2026 तक देश में 4,500 करोड़ निवेश करेगी। उसे उम्मीद है कि उसे देश बढ़ते ई-कॉमर्स का फायदा मिलेगा।
- फॉक्सवैगन भारत में नई पार्टनरशिप की संभावनाओं पर विचार कर रही है। कंपनी ने इसी साल महिंद्रा के साथ सप्लाई डील की है।