Moody''s का दावा: G-20 देशों में सबसे मजबूत रहेगी भारत की अर्थव्यवस्था
punjabkesari.in Tuesday, Apr 01, 2025 - 03:16 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मंगलवार को भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में सकारात्मक रुख जाहिर किया है। मूडीज के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 2024-25 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जो G-20 के विकसित और उभरते देशों में सबसे अधिक होगी। मूडीज का मानना है कि टैक्स में छूट और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ब्याज दरों में कटौती जैसे कदम भारत की वृद्धि को सपोर्ट करेंगे। इसके साथ ही भारत वैश्विक बाजारों की चुनौतियों का सामना करने और विदेशी पूंजी आकर्षित करने में सक्षम रहेगा।
मूडीज ने क्या कहा?
मूडीज ने दो प्रमुख मुद्दों पर भारत की सराहना की...
- GDP ग्रोथ: मूडीज ने बताया कि 2024-25 में भारत की GDP ग्रोथ 6.5 प्रतिशत रहेगी, जबकि पिछले साल यह दर 6.7 प्रतिशत थी।
- महंगाई: मूडीज का अनुमान है कि इस साल महंगाई औसतन 4.5 प्रतिशत रहेगी, जो पिछले साल 4.9 प्रतिशत थी।
भारत की मजबूती के कारण
टैक्स में छूट: सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में बड़ी छूट दी है, जिससे 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
RBI की ब्याज दरों में कटौती: RBI ने फरवरी में ब्याज दर 6.25 प्रतिशत की दर से घटाई, और 9 अप्रैल को फिर से कटौती की उम्मीद है।
विदेशी निवेशकों का भरोसा: भारत का बाहरी कर्ज कम और विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत हो रहा है, जिससे विदेशी निवेशक भारत पर अधिक भरोसा दिखा रहे हैं।
अमेरिकी नीतियों का असर
मूडीज का मानना है कि अमेरिका की नीतियों से उभरते बाजारों में पूंजी का बहाव हो सकता है लेकिन भारत और ब्राजील जैसे बड़े देशों में यह असर कम होगा। भारत का बड़ा घरेलू बाजार, स्थिर मौद्रिक नीति और मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार इसे वैश्विक नीतियों के खिलाफ खड़ा होने की ताकत देते हैं।
एशिया में ग्रोथ कमजोर कहां?
चीन में निर्यात और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश से ग्रोथ तो बनी हुई है, लेकिन घरेलू मांग कमजोर बनी हुई है। वहीं, छोटे देशों जैसे अर्जेंटीना और कोलंबिया की करेंसी डॉलर के मुकाबले उतार-चढ़ाव से प्रभावित हो सकती है।
विशेषज्ञों की राय
मूडीज के अनुसार, भारत में "डोमेस्टिक डिमांड, टैक्स रिफॉर्म्स और RBI की आसान लोन पॉलिसी" ग्रोथ को सपोर्ट करेगी। यदि RBI ब्याज दरें और घटाता है और सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाती है, तो भारत 2025 तक दुनिया की टॉप-3 इकॉनमी में शामिल हो सकता है।