Goldman Sachs का नया अनुमान, भारत की आर्थिक मंदी का सबसे बुरा दौर खत्म, लेकिन...
punjabkesari.in Wednesday, Mar 26, 2025 - 01:01 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः ग्लोबल फाइनेंशियल फर्म गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि भारत की आर्थिक मंदी और कमाई में गिरावट का सबसे बुरा दौर अब समाप्त हो सकता है। हालांकि, निकट भविष्य में बाजार में अस्थिरता बनी रहने की संभावना है, खासकर छोटे और मिड-कैप शेयरों में बढ़ते घरेलू निवेश और वैश्विक अनिश्चितताओं, विशेष रूप से टैरिफ से जुड़े जोखिमों के कारण।
गोल्डमैन सैक्स की अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा, "आर्थिक वृद्धि और कमाई के लिहाज से सबसे बुरा समय अब पीछे छूट चुका है और बाजार में कीमतों में भी सुधार देखा गया है।"
NIFTY 50 में 10% की गिरावट
रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2024 के उच्चतम स्तर से अब तक NIFTY 50 में 10% की गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट कमजोर आर्थिक स्थिति और विभिन्न सेक्टर्स में वैल्यूएशन में आई कटौती के कारण हुई है। विश्लेषकों के मुताबिक, FY26 के लिए शेयर बाजार में औसत प्रति शेयर आय (EPS) अनुमान 7% तक घटा दिया गया है।
आर्थिक मंदी के कारण और सुधार के संकेत
गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, भारत की मौजूदा आर्थिक सुस्ती संरचनात्मक (Structural) नहीं बल्कि चक्रीय (Cyclical) है।
इसके पीछे प्रमुख कारण रहे-
- 2023 के अंत में सख्त क्रेडिट नियम
- आरबीआई की सतर्क मौद्रिक नीति
- विदेशी मुद्रा प्रवाह में गिरावट के चलते तरलता में कमी
- सरकार की वित्तीय सख्ती
भारत की GDP ग्रोथ में सुधार का अनुमान
गोल्डमैन सैक्स के अर्थशास्त्रियों ने 2025 की दूसरी छमाही में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.4% तक पहुंचने का अनुमान लगाया है।
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है....
- अगर अमेरिका ने भारतीय सामानों पर टैरिफ बढ़ाया, तो व्यापार पर असर पड़ेगा।
- वैश्विक अनिश्चितताओं की वजह से बाजार अस्थिर रह सकता है।