बाजार में मचा कोहराम, निवेशकों के डूबे 7.70 लाख करोड़ रुपए

punjabkesari.in Monday, Mar 09, 2020 - 01:48 PM (IST)

नई दिल्लीः अंतर्राष्ट्रीय और एशियाई बाजारों के संकेतों के चलते शेयर बाजार में दिन की शुरूआत भारी गिरावट के साथ हुई। बाजार में चौतरफा बिकवाली की वजह से दोपहर को शेयर बाजार में गिरावट और गहरा गई है। सेंसेक्स 2366 अंक टूटकर 35,210.36 के स्तर पर आ गया है। वहीं, निफ्टी 662 अंक लुढ़ककर 10,327 के स्तर पर आ गया। शेयर बाजार में एक साल की यह सबसे बड़ी गिरावट है। बाजार में भारी गिरावट से निवेशकों के 7.7 लाख करोड़ रुपए साफ हो गए हैं।

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निवेशकों को लगा 7.64 लाख करोड़ रुपए का चूना
सोमवार को बाजार में बड़ी गिरावट से मिनटों में निवेशकों के लाखों करोड़ रुपए डूब गए। शुक्रवार को बीएसई पर लिस्टेड कुल कंपनियों का मार्केट कैप 1,44,31,224.41 करोड़ रुपए था, जो सोमवार को बाजार में गिरावट से 7,71,407.18 करोड़ रुपए घटकर 1,36,59,817.23 करोड़ रुपए हो गया।

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बाजार में गिरावट की ये है वजह
अमेरिकी बाजार शुक्रवार को गिरावट पर बंद हुए थे। हालांकि Dow निचले स्तरों से करीब 750 अंक सुधरकर बंद हुआ था। शुक्रवार के कारोबार में एसएंडपी 500 और नैस्डैक करीब 2 फीसदी गिरे थे। इधर, एशिया में निक्केई 6 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा है। SGX NIFTY में भी 325 अंकों की कमजोरी नजर आ रही है। कोरोना के मोर्चे पर हालात नहीं सुधरने से दबाव बना है। अमेरिका में एनर्जी शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली। अच्छे रोजगार आंकड़े से भी सहारा नहीं मिला। फरवरी में 2.75 लाख नई नौकरियां जुड़ीं। हालांकि सिर्फ 1.75 लाख नई नौकरियां जुड़ने का अनुमान था। बॉन्ड यील्ड में भी गिरावट मिली, US में 10 साल की बॉन्ड यील रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई। यील्ड पहली बार 0.5 फीसदी के नीचे फिसल गया।

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सऊदी अरब ने घटाई कच्चे तेल की कीमत
इस बीच ओपेक देशों और रूस के बीच प्राइस वार छिड़ने से क्रूड कीमतों में 30 फीसदी की भारी गिरावट आई है। ब्रेंट 30 डॉलर पर पहुंच गया। GOLDMAN SACHS ने ब्रेंट का लक्ष्य घटाकर 20 डॉलर किया है। कोरोना के चलते प्रोक्डशन कट डील पर सहमति नहीं बनने से कीमतें गिरी हैं।

यस बैंक क्राइसिस
यस बैंक में अनियमितताओं की आशंका में एक महीने में 50,000 रुपये निकासी का लिमिट तय की गई है। वहीं, यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्त में हैं। उनके और उनके परिवार पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है। फिलहाल यस बैंक को बचाने के लिए देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक एसबीआई सामने आया है जो बैंक में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकता है।
 


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jyoti choudhary

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