12 साल में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची आटे की कीमत, जानिये क्‍या है वजह

punjabkesari.in Tuesday, May 10, 2022 - 10:20 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः आम आदमी पर महंगाई की मार इस कदर बढ़ गई है कि दो जून की रोटी खाना भी मुश्किल होता जा रहा। गेहूं के बंपर उत्‍पादन के बावजूद देश में आटे का खुदरा मूल्‍य इस समय 12 साल के शीर्ष स्‍तर पर है। महज एक साल के भीतर ही आटे का दाम 9.15 फीसदी बढ़ चुका है। ये आंकड़े खुद सरकार ने ही जारी किए हैं।

उपभोक्‍ता मंत्रालय के अधीन आने वाले नागरिक आपूर्ति विभाग ने आंकड़े जारी कर बताया कि 7 मई को देशभर में गेहूं के आटे का औसत खुदरा मूल्‍य 32.78 रुपए प्रति किलोग्राम था। यह पिछले साल की तुलना में 9.15 फीसदी ज्‍यादा मूल्‍य है। पिछले साल की समान अवधि में यह कीमत 30.03 रुपए प्रति किलोग्राम थी।

चार महीने में ही कीमतें 6% तक बढ़ीं
आंकड़ों के अनुसार, देशभर में गेहूं के आटे की रोजाना औसत कीमत 2022 की शुरुआत से ही लगातार बढ़ रही है। जनवरी से अब तक इसकी कीमतों में 5.81 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। अप्रैल में ही इसकी कीमतें औसत मूल्‍य से काफी ज्‍यादा पहुंच गई थी। तब देश में आटे का प्रति किलोग्राम औसत मूल्‍य 31 रुपए था।

इस राज्‍य में सबसे महंगा और यहां सस्‍ता
नागरिक आपूर्ति विभाग ने ये आंकड़े देशभर में स्थित 156 केंद्रों से जुटाए हैं। विभाग ने बताया कि सबसे सस्ता आटा पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में बिक रहा है, जहां इसकी कीमत 22 रुपए प्रति किलोग्राम है। सबसे महंगे क्षेत्र की बात करें तो पोर्ट ब्‍लेयर में आटा 59 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव बिक रहा। अगर चारों मेट्रो शहरों की बात करें तो मुंबई में यह 49 रुपए किलो, चेन्‍नई में 34 रुपए, कोलकाता में 29 रुपए और दिल्‍ली में 27 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव बिक रहा।

इसलिए बढ़ रही आटे की कीमत
सूत्रों का कहना है कि आटे की खुदरा कीमत में लगातार उछाल गेहूं की बढ़ती कीमतों की वजह से आ रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनियाभर में गेहूं की आपूर्ति और उत्‍पादन पर असर पड़ा है। साथ ही भारतीय गेहूं की मांग ग्‍लोबल मार्केट में बढ़ती जा रही। इसके अलावा महंगे डीजल की वजह से माल ढुलाई की लागत भी बढ़ रही, जिसका सीधा असर आटे की कीमत पर दिख रहा है। गेहूं के आटे की खुदरा महंगाई दर मार्च में 7.77 फीसदी पहुंच गई थी, जो मार्च, 2017 के बाद सबसे ज्‍यादा है। तब आटे का खुदरा मूल्‍य सूचकांक 7.62 फीसदी था।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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