अप्रैल-सितंबर छमाही में वित्तीय घाटा बढ़कर सात लाख करोड़ के पार पहुंचा, पूंजीगत व्यय भी बढ़ा

punjabkesari.in Tuesday, Oct 31, 2023 - 05:57 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्र सरकार का फिस्कल डेफिसिट चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान बढ़कर 7.02 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो अप्रैल-अगस्त में 6.43 लाख करोड़ रुपए था। सरकार की तरफ से मंगलवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। बता दें कि 7.02 लाख करोड़ रुपए पर चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिए फिस्कल डेफिसिट पूरे साल के लक्ष्य 17.87 लाख करोड़ रुपए का 39.3 प्रतिशत हो गया है। वहीं, बीते वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि के लिए राजकोषीय घाटा 2022-23 के लक्ष्य का 37.3 प्रतिशत था।

चालू वित्त वर्ष के दौरान केंद्र ने फिस्कल डेफिसिट को पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 6.4 फीसदी यानी 17.87 लाख करोड़ रुपए पर बनाए रखने का लक्ष्य रखा है। लगातार दूसरे महीने केंद्र का राजकोषीय घाटा एक साल पहले की अवधि की तुलना में कम रहा है। यह सितंबर में 59,035 करोड़ रुपए था, जो सालाना आधार पर 25 प्रतिशत कम था। इसे टैक्स कलेक्शन में निरंतर मजबूत वृद्धि से सहायता मिली है।

टैक्स कलेक्शन मजबूत

सितंबर में भारत सरकार का नेट टैक्स कलेक्शन सालाना आधार पर 14.3 प्रतिशत बढ़कर 3.56 लाख करोड़ रुपए हो गया। इसका कारण कॉर्पोरेट कर संग्रह 26.6 प्रतिशत बढ़कर 2.12 लाख करोड़ रुपए और व्यक्तिगत आयकर संग्रह 15.6 प्रतिशत बढ़कर 91,247 करोड़ रुपए होना है।

क्या होता है फिस्कल डेफिसिट?

फिस्कल डेफिसिट दरअसल सरकार के खर्च और रेवेन्यू के बीच का अंतर होता है। लेखा महानियंत्रक (CGA) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, यह सितंबर 2023 के अंत में 7.02 लाख करोड़ रुपए रहा। सरकार ने केंद्रीय बजट में चालू वित्त वर्ष 2023-24 में फिस्कल डेफिसिट को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 5.9 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा है। 2022-23 में फिस्कल डेफिसिट भारत की जीडीपी का का 6.4 प्रतिशत था जबकि पहले इसके 6.71 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था।


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Content Writer

jyoti choudhary

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