वित्त मंत्री ने कारोबारियों को दी बड़ी राहत, कॉरपोरेट टैक्‍स में बड़ी कटौती का ऐलान

punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2019 - 02:40 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः सरकार ने सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए शुक्रवार को कई बड़ी घोषणाएं की। इन घोषणाओं में कंपनियों के लिए इनकम टैक्स करीब 10 फीसदी घटाकर 25.17 फीसदी करना तथा नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की प्रभावी दर घटाकर 17.01 फीसदी करना शामिल है। सरकार ने ये कदम ऐसे समय उठाए हैं जब चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर छह साल के निचले स्तर 5 फीसदी पर आ गई है। इन घोषणाओं से निवेश को प्रोत्साहन मिलने तथा रोजगार सृजन को गति मिलने की उम्मीद है।

वित्त मंत्री के अहम ऐलान

  • मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने के लिए आईटी एक्‍ट में नए प्रावधान को जोड़ा गया है, जो सुनिश्चित करेगा कि कोई भी नई घरेलू कंपनी जिसका गठन 1 अक्टूबर 2019 या उसके बाद हुआ हो और जो नए सिरे से निवेश कर रही हो वो 15 फीसदी के दर से आयकर का भुगतान करेगी।
  • वहीं कंपनी 31 मार्च 2023 से पहले उत्पादन शुरू कर देती हैं तो 15 फीसदी टैक्स लगेगा। सभी तरह के सरचार्ज और सेस पर 17.10 फीसदी प्रभावी दर होगी।
  • कॉरपोरेट टैक्स में कटौती नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर भी लागू होगी। 
  • कंपनियों को अब बिना छूट के 22 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स देना होगा। जबकि सरचार्ज और सेस जोड़कर प्रभावी दर 25.17 फीसदी हो जाएगी।
  • कॉरपोरेट टैक्स घटाने से सरकार को 1.45 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा। ये नुकसान सरकार को हर साल होगा। 
  • इक्‍विटी कैपिटल गेंस पर से सरचार्ज हटा दिया गया है।
  • लिस्‍टेड कंपनियों को राहत देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि उन कंपनियों को अब बायबैक पर टैक्स नहीं देना होगा जिन्होंने 5 जुलाई 2019 से पहले बायबैक शेयर का एलान किया है।
  • मैट यानी मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स खत्म कर दिया गया है। दरअसल, यह टैक्‍स ऐसी कंपनियों पर लगाया जाता है जो मुनाफा कमाती हैं। लेकिन रियायतों की वजह से इन पर टैक्‍स की देनदारी कम होती है।

PunjabKesari
200 जिलों में बांटे जाएंगे लोन
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि 31 मार्च 2020 तक संकटग्रस्त किसी भी एमएसएमई को एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा। उन्होंने बैंकों के साथ नकदी की स्थिति की समीक्षा की। सीतारमण ने कहा कि कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) की पहचान की गई है, जिन्हें बैंक कर्ज दे सकते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक कर्ज देने के इरादे से 3 से 7 अक्टूबर के बीच 200 जिलों में एनबीएफसी और खुदरा कर्जदारों के लिए कैंप लगाएंगे। सरकार ने इस मुहिम को बैंक लोन मेला नाम दिया है।
PunjabKesari
पहले भी किए बड़े ऐलान
पिछले हफ्ते जानकारी मिली थी कि वित्त मंत्रालय बहुत तेजी से कुछ अन्य प्रस्तावों पर काम कर रहा है। बता दें कि पिछले हफ्ते सरकार ने एक्सपोर्ट और रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं। वहीं बीते कुछ दिनों में सरकार ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार ने 23 अगस्त को विदेशी पोर्टफोलियो और घरेलू निवेशकों पर लगाया गया सरचार्ज वापस लिया था। इसके बाद 30 अगस्त को 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर चार बड़े सरकारी बैंक बनाने की घोषणा की गई। पहला विलय पंजाब नेशनल बैंक में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक का होगा। इसी तरह दूसरे विलय के तहत यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक एक हो जाएंगे। इसके अलावा केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक और इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक शामिल होगा।
PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Supreet Kaur

Recommended News

Related News