नोटबंदी के बाद हुई 86,000 फास्टैग की बिक्री

punjabkesari.in Friday, Dec 30, 2016 - 05:41 PM (IST)

नई दिल्लीः नोटबंदी की वजह से तमाम क्षेत्रों पर बुरा असर पड़ा, लेकिन रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन (आर.एफ.आई.डी.) टैगों की बिक्री बढ़ गई। राष्ट्रीय राजमार्गों पर दिसंबर के पहले 3 सप्ताह के दौरान 86,000 फास्टैग की बिक्री हुई, जो कुल संख्या का करीब 77 प्रतिशत है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.) ने फरवरी 2014 मेंं सभी टोल प्लाजा के लिए आरएफआईडी टेक्नोलॉजी पेश की थी। भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी (आई.एच.एम.सी.) को इलैक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (ई.टी.सी.) व्यवस्था लागू करने का दायित्व दिया गया।

28 नवंबर से शुरु हुआ था इस्तेमाल
सरकार द्वारा 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपए के नोट वापस लेने के फैसले के बाद सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल संग्रह रोकने का फैसला किया था। सरकार ने 2 दिसंबर को फिर से टोल संग्रह बहाल कर दिया। इन 23 दिनों के दौरान इलैक्ट्रॉनिक टोल बूथों को उन्नत बनाया गया और फास्ट टैग लेन में प्रायोगिक परीक्षण किए गए। बैंकों व भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सभी नागरिकों को ई भुगतान में सक्षम बनाने के लिए गठित नैशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन आफ इंडिया के प्रबंध निदेशक एपी होता ने कहा, 'आईएचएमसी ने हमसे इंटर ऑपरेटेबल सॉल्यूशन विकसित करने के लिए संपर्क किया, और प्रायोगिक तौर पर 28 नवंबर को नैशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (एन.ई.टी.सी.) पेश किया गया।'

इन 4 बैंकों ने जारी किए गए फास्टैग
इंटर ऑपरेटेबिलटी की सुविधा मिल जाने से टैग का इस्तेमाल इसे जारी करने वाले सभी 4 बैंक प्लेटफार्मों पर हो सकता है। एनईटीसी पेश किए जाने के पहले 1,12,000 फास्ट टैग बाजार में थे। उसके बाद 1 दिसंबर तक 86,000 फास्टटैग जारी किए गए। इस समय इसे जारी करने वाले 4 बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, ऐक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक हैं। बहरहाल जहां प्लाजा पर टैगों की बिक्री में तेज बढ़ौतरी हुई है, वहीं ट्रक चालकों की इसमें हिस्सेदारी महज पांचवा हिस्सा है।

सबसे पहले हिमालय एक्सप्रेसवे पर शुरु की गई थी सुविधा
एक ट्रांसपोर्टर के अनुसार, 'ट्रांसपोर्टर बहुत शिक्षित नहीं है, जिसकी वजह से टोल भुगतान का यह तरीका इस्तेमाल नहीं करते। अशिक्षा एक चुनौती है, ऐसे में ट्रक चालकों द्वारा इसे अपनाए जाने में अभी वक्त लगेगा।' फास्टैग कार्यक्रम (सरकार की टोल प्लाजा पर ई भुगतान व्यवस्था) शुरू किए जाने पर सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि राष्ट्रीय राजमार्गों के सभी 350 टोल प्लाजा को साल के आखिर तक इस व्यवस्था के तहत लाया जाएगा। जिन वाहनों में इंटरऑपरेटेबल टैग लगे हुए हैं, उन्हें प्लाजा पर लाइनों में खड़े होने की जरूरत नहीं होती।  यह तकनीक सबसे पहले अप्रैल 2012 में 10 किलोमीटर लंबे हिमालय एक्सप्रेसवे पर पेश की गई थी और नवंबर 2014 में गडकरी ने एनएच-8 के दिल्ली मुंबई खंड के लिए ईटीसी की शुरुआत की थी। 


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