''फैट टैक्स'' के बावजूद लोगों में फास्ट फूड का चस्का

punjabkesari.in Saturday, Jul 23, 2016 - 07:16 PM (IST)

नई दिल्लीः केरल में फास्ट फूड पर ''फैट टैक्स'' लगने के बावजूद अगले 5 साल में फास्ट फूड का बिजनैस 24 हजार करोड़ रुपए के पार जा सकता है। केरल की तरह दूसरे राज्य भी फास्ट फूड पर ''फैट टैक्स'' लगाने पर विचार कर रहे हैं लेकिन लोग इस वजह से फास्ट फूड कम खाएंगे ऐसा होना मुश्किल लगता है। नैशनल रेस्टोरेंट एसोशिएशन ऑफ इंडिया (एन.आर.ए.आई.) की रिपोर्ट से तो यही जाहिर होता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में अगले 5 साल में फास्ट फूड का बिजनैस 24 हजार करोड़ रुपए के  पार जा सकता है।

देश में बर्गर, पिज्जा और डोनट जैसे फास्ट फूड के बिजनैस की ग्रोथ भी फास्ट हो रही है। एन.आर.ए.आई. की रिपोर्ट के मुताबिक देश में बाहर जाकर खाने के लिए सबसे ज्यादा 36 फीसदी लोग डॉमिनोज, सब वे, मैकडॉनल्ड और के.एफ.सी. जैसी क्विक सर्विसेज रेस्टोरेंट को पसंद करते हैं। इसके बाद 30 फीसदी लोग पिज्जा हट, सागर रत्ना और पेपे जोन्स जैसे फूड चेंस में जाते हैं। कैफे कॉफी डे और स्टारबक्स जैसे कॉफी शॉप में भी 17 फीसदी लोग जाना पसंद कर रहे है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर देश के सभी रेस्टोरेंट को एक इंडस्ट्री का हिस्सा माना जाए तो इसका साइज रेलवे, होटल और बॉलीवुड से भी कई गुना बड़ा निकलेगा।

एन.आर.ए.आई. ने अपनी रिपोर्ट के लिए देश के 20 शहरों में 2000 लोगों और 50 बड़े रेस्टोरेंट के सी.ई.ओ. से बातचीत की है। रिपोर्ट में सैक्टर की चुनौतियों पर भी फोकस किया गया है। इस रिपोर्ट की मानें तो साल 2021 में फास्ट फूड का मार्कीट मौजूदा 9 हजार करोड़ से बढ़कर 24 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। यानी आने वाले सालों में क्विक सर्विस रेस्टोरेंट का बिजनैस ही सबसे तेजी से आगे बढ़ेगा।


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