दिवाली से पहले किसानों को मिलेगा तोहफा, फसलों की MSP में हो सकती है बढ़ौतरी

punjabkesari.in Thursday, Oct 05, 2023 - 07:37 AM (IST)

नेशनल डेस्क: लोकसभा चुनाव व दिवाली से पहले केंद्र सरकार किसानों को बहुत बड़ा तोहफा दे सकती है। कहा जा रहा है कि केन्द्र सरकार रबी फसलों के मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एम.एस.पी.) में बढ़ौतरी कर सकती है। इससे करोड़ों किसानों को फायदा होगा। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार गेहूं की एम. एस. पी. में 150 से 175 रुपए प्रति क्विंटल की दर से वृद्धि कर सकती है। इससे खास कर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश के किसान सबसे अधिक लाभांवित होंगे। इन्हीं राज्यों में सबसे अधिक गेहूं की खेती होती है।

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार अगले साल के लिए गेहूं की एम.एस.पी. में 3 से 10 प्रतिशत के बीच बढ़ौतरी कर सकती है। अगर केंद्र सरकार ऐसा करती है, तो गेहूं का मिनिमम सपोर्ट प्राइस 2300 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच सकता है। हालांकि, वर्तमान में गेहूं की एम.एस.पी. 2125 रुपए प्रति क्विंटल है। इसके अलावा सरकार मसूर दाल की एम. एस. पी. में भी 10 फीसदी तक की बढ़ौतरी कर सकती है।

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वहीं, सरसों और सन फ्लावर की एम. एस. पी. में 5 से 7 प्रतिशत का इजाफा किया जा सकता है। उम्मीद है कि आने वाले एक हफ्ते में केंद्र सरकार रबी, दलहन और तिलहन फसलों की एम. एस. पी. बढ़ाने के लिए मंजूरी दे सकती है। खास बात यह है कि एम.एस.पी. में बढ़ौतरी करने का फैसला मार्कीटिंग सीजन 2024- 25 के लिए लिया जाएगा।

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23 फसलों को किया गया शामिल

कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिश पर केंद्र मिनिमम सपोर्ट प्राइस तय करती है। एम.एस.पी. में 23 फसलों को शामिल किया गया है, 7 अनाज, 5 दलहन, 7 तिलहन और 4 नकदी फसलें शामिल हैं। रबी फसल की बुआई अक्तूबर से दिसम्बर महीने के बीच की जाती है। वहीं, फरवरी से मार्च और अप्रैल महीने के बीच इसकी कटाई होती है।

क्या होती है MSP?

सरकार, किसानों द्वारा उगाए गए फसल के लिए एक दाम तय करती है, जिसे फसल पूरा होने के बाद जब किसान उस फसल को मंडी में बेचता है तो सरकार द्वारा उस फसल के लिए तय की हुई कीमत किसान को दी जाती है। एक तरह से एमएसपी सरकार द्वारा किसानों को दिया जाने वाला एक आर्थिक भरोसा है जिससे किसानों को फसल उगाने से पहले उसकी कीमत का अंदाजा हो जाता है कि उसे इस फसल की कितनी कीमत मिलेगी।


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News Editor

Parveen Kumar

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