EPFO ने बनाया नया रिकॉर्ड, मई 2025 में जुड़े 20.06 लाख नए सदस्य, युवा और महिलाएं बनीं ग्रोथ की बड़ी ताकत

punjabkesari.in Tuesday, Jul 22, 2025 - 12:51 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने मई 2025 में पेरोल डेटा के इतिहास में नया रिकॉर्ड बना दिया है। इस महीने कुल 20.06 लाख नए सदस्य EPFO से जुड़े, जो अप्रैल 2018 में पेरोल डेटा ट्रैकिंग की शुरुआत के बाद से अब तक की सबसे बड़ी मासिक बढ़ोतरी है। यह आंकड़ा अप्रैल 2025 की तुलना में 4.79% और मई 2024 की तुलना में 2.84% अधिक है।

औपचारिक रोजगार में आई मजबूती

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि भारत में औपचारिक क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है और साथ ही सामाजिक सुरक्षा और कर्मचारी लाभों के प्रति लोगों में जागरूकता भी बढ़ रही है।

युवाओं की भागीदारी में जोरदार उछाल

मई 2025 में लगभग 9.42 लाख नए युवा EPFO से जुड़े, जो अप्रैल की तुलना में 11.04% अधिक है। इनमें 18 से 25 वर्ष की उम्र के 5.60 लाख सदस्य शामिल हैं— जो कुल नए सदस्यों का 59.48% है। यह इस बात का संकेत है कि बड़ी संख्या में युवा पहली बार औपचारिक क्षेत्र की नौकरियों से जुड़ रहे हैं।

महिलाओं की भागीदारी में भी बढ़ोतरी

मई में 2.62 लाख नई महिला सदस्य EPFO से जुड़ीं, जो अप्रैल से 7.08% और पिछले साल की तुलना में 5.84% अधिक है। यह कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने और कंपनियों द्वारा महिला कर्मचारियों को प्राथमिकता देने का संकेत है।

EPFO में पुनः शामिल हुए सदस्य

EPFO के अनुसार, मई में 16.11 लाख सदस्य ऐसे थे जो पहले संगठन से बाहर हो चुके थे लेकिन अब पुनः जुड़ गए हैं। यह आंकड़ा इस ओर इशारा करता है कि संगठित क्षेत्र में लौटने वाले कर्मचारियों को अपनी दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा को लेकर भरोसा है।

राज्यों में महाराष्ट्र सबसे आगे

राज्यवार आंकड़ों में महाराष्ट्र ने सबसे अधिक योगदान दिया, जिसने कुल शुद्ध पेरोल वृद्धि में 20.33% हिस्सा लिया। इसके बाद कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्य प्रमुख योगदानकर्ताओं में शामिल रहे।

उद्योगवार प्रदर्शन

एक्सपर्ट सेवाएं, कपड़ा उद्योग, सफाई सेवाएं, इलेक्ट्रिकल/मैकेनिकल इंजीनियरिंग, फाइनेंसिंग फर्म्स और वस्त्र निर्माण जैसे उद्योगों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई, जो इन क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसरों का संकेत है।

सरकारी प्रतिक्रिया

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने इस उपलब्धि पर संतोष जताया और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की युवा और श्रमिक हितैषी नीतियों का परिणाम बताया।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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